एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी विमल ठाकुर ने राजगीर प्राथमिक विद्यालय में नियोजित शिक्षक के पद पर कार्यरत फर्जी पत्रकार मनोज कुमार को लेकर कड़ी जांच-कार्रवाई करने की बात कही है।
श्री ठाकुर ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के साथ बातचीत करते हुये साफ तौर पर कहा कि कोई भी नियोजित पंचायत शिक्षक एक रिपोर्टर के कार्य नहीं कर सकता और उसका पदास्थापन नगर पंचायत क्षेत्र के स्कूल में विधि सम्मत नहीं है। ऐसे पदास्थापन रियर केस में होता है, जब कोई विकल्प शेष न हो। राजगीर नगर पंचायत में ऐसी कोई संभावना होने का सबाल ही नहीं उठता।
उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी नियोजित शिक्षक को कहीं डिप्युटेशन पर पदास्थापित किया भी जाता है तो उसे उस स्कूल का हेडमास्टर या प्रभारी हेडमास्टर नहीं बनाया जा सकता। डिप्युटेशन एक अल्पकालीन व्यवस्था है, उसे किसी भी स्थाई पद से नहीं जोड़ा जा सकता।
उन्होंने दो टूक का कि एक पत्रकार शिक्षक नहीं हो सकते। एक शिक्षक पत्रकार नहीं हो सकते। एक डिप्युटेड शिक्षक कहीं भी प्रधान नहीं हो सकते। वे प्रभारी भी नहीं बनाये जा सकते। अगर ऐसा है तो वे सारे पहलुओं की जांच कर कड़ी कार्रवाई करेगें।
कथित राजगीर अनुमंडल पत्रकार संघ के गठन के बाद मनोज कुमार नामक पंचायत नियोजित शिक्षक अचानक सुर्खियों में आ गया, जब उसे संघ का कोषाध्यक्ष बना दिया गया। इसे लेकर समूचे नालंदा की मीडिया में तरह-तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ने इस मामले की पड़ताल की तो अनेक गंभीर तत्थ उभर कर सामने आये। जो न तो शिक्षा व्यवस्था के लिये सही संकेत है और न ही मीडिया के लिये। व्यवस्था और मीडिया से जुड़े लोगों को इस मामले को फौरिक गंभीरता से लेनी चाहिये।
कथित पत्रकार संघ का कोषाध्यक्ष बने मनोज कुमार की नियुक्ति मुखिया के द्वारा बनौली गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2013 में की गई थी। कहा जाता है कि तब संबंधित मुखिया ने इस नियुक्ति में मनमानी बरतते हुये आवश्यक प्रमाण पत्रों को नजरअंदाज कर दिया।
इधर कुछ माह पहले मनोज कुमार का स्थानांतरण तमाम विभागीय प्रावधानों की धज्जियां उड़ाते हुये राजगीर नगर पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी राजगीर में कर दिया गया। यही नहीं, यहां उसे हाल ही में फर्जी तरीके से हेडमास्टर भी बना दिया गया है।
प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी ठीक राजगीर प्रखंड मुख्यालय कार्यालय से सटे है। यहीं पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का कार्यालय और बीआरसी भवन भी अवस्थित है। जाहिर है कि इस तरह के नियोजन और स्थानातंरण या फिर हेडमास्टर बनाये जाने से कोई जिम्मेवार अफसर अनभिज्ञ नहीं होगें।
वह भी उस परिस्थिति में जब वह नियोजित शिक्षक स्कूल का पठन-पाठन का कार्य छोड़ कर एक अखबार का रिपोर्टरी करते सरकारी गैर सरकारी कार्यक्रमों में भी सरेआम दिखता हो।
राजगीर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रघुनंदन चौधरी ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया कि मनोज कुमार का बनौली प्राथमिक विद्यालय से स्थानांतरण नहीं किया गया है, बल्कि उसका प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी राजगीर में डिप्युटेशन किया गया है एक शिक्षकीय विद्यालय होने के कारण।
उसे हेडमास्टर बनाये जाने के सबाल पर श्री चौधरी ने बताया कि विद्यालय में पहले का शिक्षक 31 जनवरी, 2018 को सेवानिवृत हो गई हैं, इसलिये विद्यालय संचालन के लिये सब कुछ करना पड़ा है।
जब श्री चौधरी से पूछा गया कि मनोज कुमार एक सक्रिय रिपोर्टर है और वह उसी रुप में विद्यालय छोड़ कर सिर्फ सरकारी गैर सरकारी कार्यक्रम समारोहों की शोभा बढ़ाते देखा जाता है तो इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। वे इसे देख लेगें।
श्री चौधरी ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर पंचायत शिक्षक पद पर हुई नियुक्ति की बाबत कहा कि मनोज कुमार को लेकर जो भी बातें सामने आयेगी, उसे वे अपने स्तर जांच कर समुचित कार्रवाई करेगें।
बहरहाल, देखना है कि राजगीर अनुमंडल पत्रकार संघ का कोषाध्यक्ष बना मनोज कुमार फर्जी पत्रकार है या फिर फर्जी शिक्षक। क्योंकि अभी तक विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के आलोक में वह पत्रकार भी है और नियोजित शिक्षक भी !