Home देश पप्पू यादव की कांग्रेसी गलबहियां से राजद में उबाल

पप्पू यादव की कांग्रेसी गलबहियां से राजद में उबाल

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दरअसल सांसद रंजीता रंजन को स्वयं तथा पति पप्पू यादव के राजनीतिक कैरियर की चिंता सता रही है। 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों मियाँ-बीबी फिर से साथ लोकसभा में जाने को लेकर उनकी ओर से कवायद शुरू हो चुकी है………..”

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। बिहार के कद्दावर नेता जाप सांसद पप्पू यादव के द्वारा सदाकत आश्रम में बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से मुलाकात के बाद बिहार की सियासी राजनीति गर्म हो गई है।

pappu yadav shakti singh gohilइस मुलाकात को लेकर महागठबंधन के प्रमुख घटक आरजेडी नाराज दिख रही है।  कांग्रेस नेताओं द्वारा पप्पू यादव से मुलाकात को लेकर आरजेडी इसे गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस कोई फैसला अकेले नहीं ले सकती है।

रविवार देर शाम जाप के सासंद पप्पू यादव कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम पहुंच गए थे। उन्होंने लगभग एक घंटे तक बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से लोकसभा चुनाव को लेकर बातचीत की थी।

हालांकि सासंद पप्पू यादव खुलकर बातचीत का ब्योरा मीडिया के समझ नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन राजनीतिक कयास लगाया जा रहा है कि पप्पू यादव की पार्टी जाप इस बार महागठबंधन के साथ आ सकती है।

गौरतलब रहे कि पिछले लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव के लिए राजद ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे, जिस कारण वह लोकसभा पहुँचने में सफल रहे। इस बार फिर से कांग्रेस और राजद के साथ अपनी लोकसभा सीट बचाने की कोशिश में शायद पप्पू यादव दिख रहे हैं।

सांसद पप्पू यादव तथा कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल की मुलाकात का राजनीतिक रिएक्शन भी सामने आ रहा है।

इस मामले में आरजेडी विधायक और प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने पप्पू यादव पर हमला बोलते हुए कहा है कि पप्पू यादव को धोखा देने की आदत है और वो एनडीए में मिले हुए है। उन पर विश्वास करना फिलहाल ठीक नहीं रहेगा।

पप्पू यादव के कांग्रेस से नजदिकियों पर आरजेडी ने अपना रूख साफ कर दिया है। आरजेडी ने कहा है कि महागठबंधन का कोई फैसला अकेले कांग्रेस नहीं ले सकती।

इधर राजनीतिक हलको में चर्चा है कि सासंद पप्पू यादव की कांग्रेस सांसद पत्नी रंजीता रंजन उन्हें कांग्रेस में लाने के प्रयास में लगी हुई है। कांग्रेस प्रभारी से यह मुलाकात इसी परिप्रेक्ष्य भी हुई बताई जा रही है।

फिलहाल देखना है कि सासंद पप्पू यादव की कांग्रेस से नजदीकियां क्या राजनीतिक गुल खिलाती है और महागठबंधन के बड़े साथी राजद इसे किस रुप में लेती है।

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