“अभी भी 1,80,000 परिवारों में शौचालय का निर्माण किया जाना है जिसे 22 मार्च 2 018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। शौचालय निर्माण अभियान में अब तक कुल 52 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं। 43 पंचायत खुले में शौच मुक्त घोषित हुए हैं। ओडीएफ घोषित हो चुके वार्डों की संख्या 784 है।”
निर्मल नालंदा अभियान के तहत इस अभियान में जिले में कुल ढाई लाख परिवार ऐसे थे जिनके पास शौचालय नहीं थे, पर जब से यह अभियान शुरु हुआ है तब से अब तक 70,000 परिवारों में शौचालय का निर्माण कराया गया है।
डीएम डॉ त्यागराजन एस एम ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पूरे जोर-शोर से यह इस अभियान में लग जाएं एवं जहां जिस तरह की जागरूकता की जरूरत है उसके लिये काम करें।
डीएम ने निदेशक डीआरडीए से कहा है कि जिन पंचायतों में स्व्च्छताग्राहीयों की नियुक्ति नहीं हुई है वहां तुरंत इसकी नियुक्ति करें जिससे कि यहां अभियान और तेज हो सके।
डीएम ने कहा है कि सिर्फ शौचालय बनाना ही लक्ष्य नहीं है। शौचालय की गुणवत्ता एवं उसके उपयोग पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है ।
उन्होंने लोगों के व्यवहार परिवर्तन पर विशेष जोर डालने को कहा है। इसके लिए सभी पंचायतों एव गांव गांव में फिल्म दिखाने , नुक्कड़ नाटक एवं दीवाल लेखन पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है ।
डीएम ने छठ पर्व के अवसर पर भी जागरूकता कार्यक्रम को तेज गति से चलाने को कहा है ।
उन्होंने कहा है कि जिस प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा छठ के अवसर पर खुले में शौच मुक्त अभियान संबंधी जागरूकता कार्यक्रम ज्यादा प्रभावकारी तरीके से चलाया जाएगा उन्हें जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।