” राजदहा धाम आस्था के केंद्र के साथ-साथ एक पर्यटक स्थल भी है। परंतु यहां आज भी बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधायों का घोर आभाव हैं। सरकार से लोगों को ढेर सारी उम्मीदें हैं कि सरकार ध्यान दे और इस क्षेत्र को पर्यटक क्षेत्र के रूप में घोषित करें।”
सरिया (आसिफ अंसारी)। गिरीडीह जिले के सरिया स्थित राज़दहा धाम की चर्चा दूर दूर तक फैली हैं। लेकिन आज यह रमणीक स्थल असुविधायों का दंश झेल रहा हैं।
शाल के घने जंगलों के बीच प्रकृति की मनोरम वादियों में उत्तर वाहिनी बराकर नदी की कल कल बहती धाराओं के किनारे बसा राजदहा धाम लोगो के लिये विशेष आस्था का केंद्र हैं । गिरीडीह जिला मुख्यालय से महज 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह धाम साधु -महात्माओं की तपोभूमि रह चुकी हैं।
बताया जाता हैं कि संत मौनी बाबा इसी स्थल में तपस्या कर प्रसिद्ध हुये थे। लोगों की माने तो 19वीं सदी में कई साधु महात्मा यहां मंदिर का निर्माण करा कर शिवलिंग स्थापित कर ध्यान जप आदि किया करते थे। बाद में ग्रामीणों ने इसे आगे बढ़ाते हुये कई प्रयास किया और आज यह तीर्थस्थल के रूप के विख्यात हो चुका हैं।
यहाँ शिव मंदिर के साथ साथ अन्य कई देवी देवताओं के मंदिर हैं जहां श्रद्धालु खिंचे चले आते हैं । आस्था का केंद्र होने के साथ साथ यह स्थल पर्यटकों के लिये भी खास हैं। पूरे क्षेत्र में प्रकृति ने अनुपम छटा यहां बिखेरे रखा हैं । लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी आज यह धाम उपेक्षायों का दंश झेल रहा हैं।
स्थानीय लोग पूर्व की सरकारों के साथ-साथ वर्तमान सरकार से भी इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग कर चुके हैं किंतु अभी तक किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया हैं।
इस संबंध में क्षेत्र के लक्ष्मी नारायण पांडेय बताते हैं कि राजदहा धाम आस्था के केंद्र के साथ-साथ एक पर्यटक स्थल भी है। परंतु यहां आज भी बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधायों का घोर आभाव हैं। सरकार से लोगों को ढेर सारी उम्मीदें हैं कि सरकार ध्यान दे और इस क्षेत्र को पर्यटक क्षेत्र के रूप में घोषित करें।
वहीं सरिया प्रखंड प्रमुख रामपति प्रसाद ने बताया कि राजदहा धाम सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहा है। उन्होंने कहा स्थानीय विधायक द्वारा राजदहा धाम को पर्यटक स्थल घोषित करने की मांग विधानसभा में उठाई गई है। परंतु अब तक इस पर कोई पहल नहीं की गई हैं ।
इधर सन्त मोनी बाबा राजदहा धाम ट्रष्ट के सदस्य पंकज प्रसाद ने कहा कि राजदह धाम के विकास के लिए सरकार का ध्यान कई बार आकृष्ट कराया गया।परंतु नतीजा सिफर रहा है, उन्होंने कहा यदि सरकार इसके काया कलप करा दें तो यह धाम तीर्थस्थल के साथ साथ पर्यटकों के लिये भी बेहतर होगा।
बहरहाल, प्रकृति की गोद मे बसे इस पावन स्थल पर यदि सरकार ध्यान देकर क्षेत्र को विकसित करने का काम करें तो निश्चित तौर पर यह स्थल विश्व के मानचित्र पर अपना छाप छोड़ेगा ।और सरकार के साथ साथ यहां की स्थानीय लोगों को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा ।