एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। बिहार के सीएम नीतिश कुमार का गृह जिले नालंदा पुलिस महकमा में अगर कोई सबसे चुस्त दुरुस्त फुर्तीला कर्मी प्रतीत होता है तो वह हैं राजगीर थाना में पदास्थापित पुलिस एसआई कमलजीत।
विगत 12 अप्रैल को इस एसआई ने वह कमाल कर दिखाया, जो विरले पुलिस वाले कर सकते हैं। 12 अप्रैल,2018 को दिन ठीक 1:30 बजे राजगीर भूमि सुधार उप समाहर्ता की शिकायत पर राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि को अवैध ढंग से बंदोवस्ती करने-कराने के दोषी राजगीर के तात्कालीन डीसीएलआर, सीओ, राजस्व कर्मचारी व एक बड़े होटल मालिक शिवनंदन प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी कांड संख्या- 85/18 दर्ज किया जाता है।
इस प्राथमिकी के दर्जकर्ता के रुप में पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष, राजगीर की हैसियत से एसआई कमलजीत के हस्ताक्षर हैं, जबकि उस समय राजगीर के थानाध्यक्ष उदय शंकर थे, जिन्हें दूसरे दिन हटाया गया था।
इसके बाद ठीक उसी दिन यानि 12 अप्रैल,2018 को ही शाम करीब 8 बजे एसआईटी टीम बन कर www.raznama.com www.indianewsreporter.com और www.expertmedianews.com के संचालक संपादक पत्रकार मुकेश भारतीय को बिना कोई वारंट गिरफ्तार करने झारखंड प्रांत के रांची जिले के ओरमांझी थाना पहुंच गये। ओरमांझी थाना में उन्होंने किसी विकास भारती को एक केस के सिलसिले में नाम-पता सत्यापन की बात कही।
इसके बाद रात करीब साढ़े 9 बजे कमलजीत अपनी टीम के साथ मुकेश भारतीय के आवासीय कार्यालय पहुंच गये और नालंदा एसपी के आदेश से गिरफ्तार कर बिहारशरीफ ले जाने का प्रयास करने लगे।
तत्पश्चात श्री भारतीय की शिकायत को रांची एसएसपी कुलदीप द्वेदी, ग्रामीण सएसपी एवं ओरमांझी थाना प्रभारी ने तत्काल गंभीरता से लिये और कुप्रयास पर अड़े कथित एसआईटी कमलजीत को फटकारते हुये वैरंग वापस किया, जो एक प्रायवेट तवेरा वाहन (BR01PA-9080) पर दो कांस्टेबल संग सवार थी।
यहां पर यह भी बता दें कि राजगीर मलमास मेला के एक चिन्हित अतिक्रमणकारी ने तब राजगीर थाने में थाना प्रभारी के सामने बैठ कर समाचार न छापने को लेकर इस साइट के संचालक-संपादक मुकेश भारतीय को पहले तरह-तरह की धमकियां दी और बाद में एक फर्जी मामला राजगीर थाना कांड संख्या- 108/2017 दर्ज कर दिया गया।
इस मामले को दर्ज करने वाले एक एसआई ही था। जिसने एसआई हृदयनाथ प्रसाद को अनुसंधानकर्ता का कार्यभार सौंपा।
अनुसंधानकर्ता ने श्री मुकेश भारतीय के साथ बातचीत में स्वीकार किया था कि चिन्हित (अब दोषी) अतिक्रमणकारी शिवनंदन प्रसाद ने थाना में बैठकर थाना प्रभारी के सामने धमकियां दी थी और बाद में एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई हुई। इस संबंध में दो ऑडियो क्लीप तात्कालीन नालंदा एसपी , डीएम, डीएसपी, थाना प्रभारी को भेज दिया गया था और मामले की शिकायत सीएम स्तर तक की गई थी। उस पर बिहारशरीफ हेडक्वार्टर डीएसपी को जांच रिपोर्ट देनी थी, जहां मामला अधर में लटकी है।
जाहिर है कि नालंदा पुलिस में कमलजीत जैसे एसआई की ऐसी चुस्ती-फुर्ती काबिले तारीफ है। महज 7-8 घंटों के भीतर न वे पटना प्रमंडलीय आयुक्त आन्नद किशोर के आदेश पर राजगीर डीसीएलआर की शिकायत पर दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर डालते हैं, अपितु वे करीव 300 किलोमीटर दूर एक पत्रकार को जमानती धाराओं के मामले में एसआईटी बन गुंडों की माफिक धर दबोचने झारखंड की राजधानी रांची पहुंच जाते हैं।
राजगीर थाना में फिलहाल पुलिस एसआई के रुप में पदस्थ कमलजीत हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। उनकी खास उपलब्धि रही है कि जिस थाना में रहे हैं, वहां से उनकी विदाई निलंबन समारोह से हुई है।
राजगीर थाना में पुलिस एसआई से पूर्व वे जिले के चंडी थाना के प्रभारी थे, वहां एक व्यक्ति ने अवैध शराब के मामले में फंसाने की शिकायत हिलसा एसडीपीओ से की। जिन्होंने शिकायत को सही पाते हुये मामले को एसपी तक बढ़ा दिया, जहां से वे सीधे नप गये।
इसके पूर्व एसआई कमलजीत नगरनौसा, नूरसराय, रहुई थाना के प्रभारी रहे। लेकिन हर थाना में इन पर गंभीर आरोप लगे औऱ एसपी द्वारा हर थाने से उन्हें निलंबन के साथ लाइन हाजिर किया गया।