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    Sunday, December 22, 2024
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      एक रुपया का सिक्का न लेने वालों पर होगी कार्रवाई

      नगरनौसा, नालंदा (INR)। नगरनौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित नगरनौसा बाजार से लेकर प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीणों इलाको में एक रुपया का छोटा सिक्का न चलने की फ़ैली अफबह से ग्राहकों को भारी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा हैं ।

      ग्राहक सुनील कुमार, राजीब कुमार, नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार सहित दर्जनों ग्राहकों ने बताया कि दुकानदारों (व्यापारी) द्वारा एक का सिक्का न नही लेने से दैनिक उपयोग में होने बाली सामग्री खरीदने में भारी परेशानी का सामना का करना पड़ रहा है।

      छात्रा सिमा कुमारी, पूजा कुमारी, आयुषी कुमारी ने बताया कि एक रुपया का छोटा सिक्का न लेकर एक रुपया का बड़ा सिक्का व नोट  का मांग दुकानदार द्वारा किया जाता । एक रुपया का छोटा सिक्का दुकानदारों नही लेने से कॉपी, पेन आदि पढ़ाई के जरूरी बस्तु की खरीदारी नही हो पाती, जिससे काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किराना दुकान, सब्जी दुकान, छोटे-छोटे स्टेशनरी दुकान आदि दुकानों के दुकानदार  द्वारा एक रुपया का छोटा सिक्का न चलने की बात कह पैसा नही जाता हैं।

      व्यापारियों का आरोप- बैंक नही जमा हो रहे सिक्के

      नगरनौसा बाजार के आधा से अधिक दुकानदारों ने बताया कि रोजाना बड़ी तादात में सिक्के आते हैं।जब दुकान की सामग्री खरीदने स्टॉकिस्ट के पास जाते है तो स्टॉकिस्ट सिक्का लेने से इंकार कर देते हैं और सिक्के की जगह नोट की मांग करते है। स्टॉकिस्ट द्वारा सिक्का न लेने के बाद जब बैंक जाते है तो वहाँ भी सिक्का लेने से इंकार कर दिया जाता है। अंततः मजबूर होकर सिक्का लेने से इंकार करना पड़ता है कि जब कोई सिक्का लेता ही नही तो हम सिर्फ क्यों ले।

      बैकों द्वारा ली जा रही है सिक्का

      मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक नाम न छापने के शर्त पे बताया कि कोई राष्ट्रीय बैंक व प्राइवेट बैक के ब्रांच में एक से लेकर दस के सिक्के लेने से आना-कानी नहीं कर सकता । सिर्फ़ ग्राहकों से अनुरोध है कर सकता है कि वे एक या दस के सिक्कों को एक सौ-सौ रुपयों की थैली में बना जमा करवाएं, ताकि गिनती करने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

      क्या कहते है अधिकारी

      प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि अबतक कोई ऐसा शिकायत नही मिला है अगर ऐसा हो रहा है तो अपने स्तर से जांच कर कारबाई की जाएगी

      क्या है प्रावधान

      भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रचलित मुद्रा जब तक उसके द्वारा वापस लेने की घोषणा न कर दी जाए तब तक इसे लेने से कोई मना नहीं कर सकता। क्योंकि यह कानून का उल्लंघन है। रिजर्व बैंक की मुद्रा लेने से इंकार करना 124 ए के तहत दंडनीय अपराध है।जिसमें धारा 124 ए भारतीय दंड विधान के तहत तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्राविधान है। ऐसे आरोपियों पर जुर्माना भी न्यायालय लगा सकता है।

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