“जनता दरबार या ग्राम विकास शिविर के नाम पर अफसरों का हुजूम सिर्फ फांकाकसी कर रहे हैं। सरकारी खजाने के पैसे से मीडिया में अपना चेहरा चमका रहे हैं। अगर विश्वास न हो तो ऐसे कार्यक्रमों के तामझाम का आंकलन कीजिए…..”
नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले नालंदा में डीएम का जनता दरबार या ग्राम विकास शिविर का कार्यक्रम देखने से पता नहीं चलता है कि कोई निजी शादी या जन्मदिन समारोह का आयोजन हो। गांव का अपना परिवेश होता है। उनकी अपनी हिचक और समस्याएं होती है। ऐसे में प्रशासनिक घेरे में किस तरह की समस्याएं आती होगीं और किस तरह से उसका समाधान होता होगा, समझ से परे है।
जिला प्रशासन की अधिकारिक फेसबुक पेज District Administration, Nalanda पर हरनौत प्रखंड के कोलावां पंचायत स्थित लक्ष्मी स्थान मैदान सिरसी में ग्राम विकास शिविर /जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस तरह के आयोजन जिले में अनेकों किए गए हैं।
इस शिविर में जिला पदाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम के आलावे उप विकास आयुक्त, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी बिहारशरीफ, भूमि सुधार उप समाहर्ता बिहार शरीफ, राजस्व शाखा प्रभारी वरीय उप समाहर्ता, विकास शाखा प्रभारी वरीय उप समाहर्ता, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, आपदा शाखा प्रभारी वरीय उप समाहर्ता, वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।
इस आयोजन की तस्वीरें साफ स्पष्ट करती है कि जिला प्रशासन के नुमाइंदे आम जनता के सामने खास बनकर पेश आ रहे हैं। रंग-बिरंगी गुब्बारे, फूल-मालाओं से सज्जित मंच, भव्य पंडाल और उसमें बिछे कालीन भ्रष्टाचार की अलग आंतरिक गाथा कहती है।
जबकि नालंदा का शायद ही ऐसा कोई ईलाका हो, जहां सरकारी भवन नहीं बना हो। अगर कहीं नहीं भी है तो खुले मैदानों की कमी नहीं है।
आखिर डीएम एक लोक सेवक हैं। लोक यानि जनता की सेवा करने के लिये जनता की गाढ़ी कमाई से ऐसे आयोजनों पर हो रहे लाखों के खर्च के क्या मायने हैं। मीडिया में ऐसी तस्वीरें मनसुख दे सकती है, जनसुख नहीं।