प्रशासनिक जायजे के बाद आला अफसरों ने जो बयान दिया, वह काफी शर्मनाक है। उन्होंने मीडिया को बयान दिया कि सुसाइड करने वाले किसान पर कोई बैंक कर्ज नहीं था और उसने बीमारी के कारण आत्महत्या कर ली है। साथ ही सत्तारुढ़ भाजपा संगठन के एक बड़े नेता ने भी शासन तंत्र के अफसरों के सुर में सुर मिलाया। यह नेता उसी क्षेत्र का निवासी है, जहां किसान ने आत्महत्या की है।
रांची (मुकेश भारतीय)। वेशक प्रशासन और सत्तारुढ़ दल के आला नेता झूठ बोल रहे हैं। अगर भारत गांवों में बसता है तो यह उन अन्नदाताओँ का सबसे बड़ा अपमान है।
राजधानी रांची से बामुश्किल 17-18 किलोमीटर दूर अवस्थित ओरमांझी प्रखंड के बिजांग गांव निवासी राजदीप नायक नामक एक किसान ने बैंक कर्ज के अमानवीय दबाव में आकर आत्महत्या कर ली।
यह खबर जब मीडिया की सुर्खियां बनी, प्रशासन महकमा जागा और स्थिति का जायजा लिया। लेकिन इस जायजे के बाद उसके आला अफसरों ने जो बयान दिया, वह काफी शर्मनाक है। उन्होंने मीडिया को बयान दिया कि सुसाइड करने वाले किसान पर कोई बैंक कर्ज नहीं था और उसने बीमारी के कारण आत्महत्या कर ली है।
इससे साथ सत्तारुढ़ भाजपा संगठन के एक बड़े नेता ने भी शासन तंत्र के अफसरों के सुर में सुर मिलाया। यह नेता उसी क्षेत्र का निवासी है, जहां किसान ने आत्महत्या की है।
स्व. राजदीप नायक के पिता द्वारा उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार सच तो यह है कि उनके दोनों बेटे बैंक के कर्ज तले दबे हैं। आइडीबाआइ बैंक के चेकबुक, जिसका खाता नंबर 191710400005494 और जिसका कस्टमर आइडी 82756650 है, उस पर मृतक राजदीप नायक का नाम, पिता का नाम, घर का स्थाई पता साफ अंकित है। आइडीबीआइ के इस खाता से जुड़े राजदीप नायक के नाम एटीएम भी निर्गत है। उस एटीएम का नंबर 4722559908830007 है।
विगत 28 जून को उक्त बैंक के दबंग वसुलीकर्ता राजदीप को यह चेतावनी देकर गये थे कि 30 जून तक उसने बाकी पैसे जमा नहीं किये तो उस दिन आकर उसका ट्रैक्टर खींच कर ले जायेगें। यह सुन कर कर्जदार किसान राजदीप नायक जो पहले बीमार था, अचानक तनाव में आ गया और ट्रैक्टर के टायरों की हवा निकालने के उपरांत कीटनाशक पी ली।
इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी बीच 30 जून को बैंक से जुड़े दबंग प्रवृति के लोग राजदीप के घर पहुंच कर टैक्टर खींचने आ धमके। फिर कर्जदार किसान के जहर पी लेने की सूचना के बाद उत्पन्न स्थिति को भांपते हुये किसी तरह वापस लौटे।