आर्थिक तंगी के कारण किसान नहीं कर पा रहे हैं धनरोपनी 

    बैंक ऑफ इंडिया में पड़ी है किसानों के 44 लाख रुपये की मुआवजा राशि

    -मुकेश भारतीय-

    ओरमांझी। प्रखंड कृषि विभाग की लापरवाही का कोई सानी नहीं है। पिछले साल समूचा ओरमांझी भयंकर सुखे की चपेट में था। केन्द्र सरकार की ओर से करीव 4 हजार रुपये प्रति हेक्टयर की दर से कुल 40 लाख रुपये का मुआवजा राशि आवंटन किया गया। लेकिन अभी तक किसी भी किसान को फूटी कौड़ी भुगतान भी नहीं हो सका है। सारी राशि बैं ऑफ इंडिया की ओरमांझी शाखा में पड़ा है। जबकि विभाग द्वारा सूखा राहत राशि किसानों के खाते में सीधे जमा करने का प्रावधान है।

    बताया जाता है कि सभी लाभुक किसानों के नाम, प्रभावित रकबा, बैंक खाता नंबर समेत सारे आवश्यक दस्तावेज विभागीय स्तर पर किसान मित्रों के जरिये काफी पहले ही ले चुका है। सरकार की ओर से उन्हें भुगतान की अंतिम समय सीमा जून माह तय की थी लेकिन, जुलाई माह के अंत तक किसानों के प्रति विभाग की अमानवीयता बरकरार है।

    formar rajeshwar mahtoउल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष सूखे के कारण खरीफ की फसलों से पूर्णतः हाथ धो बैठे थे। कईयों किसानों के उपर महाजनों के कर्ज अब भी बाकी है। इस बार मानसून किसानों के साथ है। अगर सुसमय भुगतान हो जाता तो धनरोपनी समेत अन्य खरीफ फसलों की बुआई के दौरान उन्हें महाजनों से ऊंचे ब्याज दर पर कर्ज लेकर खेती करने की जरुरत नहीं पड़ती। कई किसान तो ऐसे हैं, प्रचुर मानसून होने के बाबजूद धनरोपनी तक नहीं कर पा रहे हैं। पैसे के आभाव में उनके उपजाऊ खेत यूहीं परती रह जायेगा और वे भूखमरी के दंश झेलने को विवश हो जायेगें।

      “यहां किसानों की चिंता किसी नेता और अधिकारी को नहीं है। अगर रहता तो किसानों का पैसा बैंक में यूहीं पड़ा न होता। उनके खाते में होता। किसानों की हालत देखते हुये जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाना चाहिये। ……….. श्री राजेश्वर महतो, प्रगतिशील किसान एवं कृषि विशेषज्ञ 

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