सूरजकुंड मेले में दर्शकों को लुभा रहा झारखण्ड का हस्तशिल्प

    सूरजकुंड। सूरजकुंड इंटरनेशनल मेले के झारखण्ड पवेलियन में आने वाले दर्शकों को झारखण्ड का हस्तशिल्प अपनी विभिन्न विशेषताओं के कारण लोगों को आकर्षित कर रहा है।

    press release 29189 09 02 2017 झारखण्ड में लगभग 32 जनजातीय समूह हैं, जिनके अपने.अपने पारम्परिक हस्तशिल्प और कलाएँ हैं। सूरजकुंड मेले में इन कलाओं को देखा और खरीदा जा सकता है।

    सूरजकुंड मेले में आने वाले दर्शक यहाँ प्रदर्शित किये गए काष्ठ हस्तशिल्पए धातु शिल्पए बांस के हस्तशिल्पए खनिज से बने आदिवासी गहनेए और पत्थर की नक्कासी को खूब पसंद कर रहे है।

    हस्तशिल्प काष्ठ कला में लकड़ी के ऊपर आकृति निकाल उसे रंग कर उसे खूब सूरत बनाया जाता है। धातु शिल्प में धातुओं के उपयोग से ज्वेलरी बना उसका उपयोग किया जाता है।

    झारखण्ड में बांस की प्रचुरता पाई जाती है। जिसके फलस्वरूप यहाँ बांस से बनी वस्तुओं की भी प्रचुरता रहती है।

    वहीँ झारखण्ड में प्रचलित पेंटिंग जिनमे पाषाण काल और पुरा पाषाण काल की झलक को भी दर्शकों द्वारा पसंद किया जा रहा है।

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