“आखिर नालंदा पुलिस-प्रशासन इतनी तेजी से निकम्मी क्यों बनती जा रही है। क्या जिले के सत्तारुढ़ विधायकों, सांसदो से लेकर सीएम तक यहां के हालात से बेखबर हैं?”
आखिर किसी जिले में अपराधियों के सामने कानून के भय की जिम्मेवारी किस पर है। उन थानाध्यक्षों पर? जिन्हें बात-बात संस्पेंड, लाइन हाजिर, ट्रांसफर कर दिया जाता है। लेकिन जब कोई थानाध्यक्ष छोटी-बड़ी उपलब्धियां हासिल करता है तो एयरकंडीशन से बाहर निकल वरीय अफसर मीडिया के सामने अपना चेहरा चमकाने से जरा सा भी नहीं हिचकते।
नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरिका हैं। इसके पहले श्री आशीष कुमार थे। आशीष कुमार के कार्यकाल में कुछ भ्रम फैले। इसके लिये उनकी टीम के लोग जिम्मेवार हो सकते हैं, लेकिन श्री पोरिका से लोगों की काफी उम्मीदें थी। लेकिन लोग कुमार आशीष की 79 फीसदी की जगह उन्हें 29 फीसदी भी अंक नहीं देते। श्री पोरिका नालंदा की पुलिस व्यवस्था के आंकलन में अब तक सबसे फिसड्डी पुलिस कप्तान साबित हो रहे हैं।
आज का कोई अखबार का स्थानीय संस्करण उठाईये। अमूमन ऐसी घटनाओं से रोजाना खबरें पटी रहती है। सीएम का गृह जिला क्षेत्र होने के बाबजूद वे गंभीर नहीं दिखते हैं। यह अलग आश्चर्यजनक राजनीतिक पहलु है।
बहरहाल आज आम तौर पर इंगित सरकारी भोंपू बने अखबारों की ही सुर्खियां देखिये….
-
राजगीर में व्यवसायी के परिवार को बंधक बनाकर डाका,राजगीर में व्यवसायी के परिवार को बंधक बनाकर डाका, सीएम के आगमन को लेकर हाई अलर्ट पर थी पुलिस, घटना के विरोध में लोगों ने राजगीर-गिरियक मार्ग पर ट्रैक्टर खड़ा कर लगाया जाम
-
पति-ससुर को पीटते हुए एसपी आवास ले आए नाराज परिजन
-
हथियारबंद चोरों ने सारसू गांव से उड़ाई नकदी सहित लाखाें रुपए की संपत्ति
-
बिंद में शराब पीने से मजदूर की मौत
-
दरवेशपुरा गांव में नए बने मकान में चोरी
-
इसलामपुर में रिटायर्ड शिक्षक की आंख फोड़कर बदमाशों ने उतारा मौत के घाट
-
बकाया मांगने पर मजदूर को चाकू घोंप किया जख्मी
-
करंट लगाकर बहू को उतारा मौत के घाट
-
नाबालिग को भगा ले गया
-
ससुराल से घर लौट रहे युवक को दिनदहाड़े सिर में गोली मारी, मौत
-
बीच सड़क पर हाथ बांध युवक को जमकर पीटा
-
गृहस्वामी को बंधक बना पांच लाख लूटे,दर्जनभर अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम, घटना को ले आक्रोशितों ने जाम की सड़क
-
नालंदा में भरी दुपहरी हत्या कर बाइक ले भागे बदमाश, ससुराल से बाइक पर सवार होकर अपने घर फतुहा लौट रहा था युवक घात लगाए अपराधियों ने बढ़नपुरा के पास दिया वारदात को अंजाम
-
सेवानिवृत्त शिक्षक की नृशंस हत्या
-
नशाखुरानी गिरोह ने युवक को बनाया निशाना, की लूटपाट
-
रंगदारी नहीं देने पर पोलदार को चाकू से गोद कर किया घायल
उपरोक्त 16 वारदातें उदाहरण मात्र है। आलावे ऐसी कई रोजमर्रा की घटनाएं हैं, जो मीडिया से इतर रहे और पुलिस फाईलों में जगह ही नहीं पा सके।
बहरहाल, दारु और बालू के धंधे के मृग बने नालंदा पुलिस-प्रशासन को लेकर अपराधियों में कहीं कोई खौफ नहीं दिख रहा है। चोरी, छिनतई, छेड़खानी से लेकर लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाएं बेलगाम है। पुलिस यत्र-तत्र कार्रवाई भी करती नजर आती है, लेकिन यहां वारदातों में कोई कमी नहीं आ रही। नालंदा जैसे संवेदनशील जिले के लिये इससे बड़ा दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है।