Home आस-पड़ोस सुबह होते गृद्धकूट पर्वत पर विराजमान कर शाम ढलते इस झाड़ी में...

सुबह होते गृद्धकूट पर्वत पर विराजमान कर शाम ढलते इस झाड़ी में छुपा दिए जाते भगवान बुद्ध

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन-धर्म स्थल राजगीर में धर्म के धंधेबाजों ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा का दुरुपयोग करते हुए अकूत संपति तो अर्जित की, लेकिन उनकी मुर्ति के साथ करीव चार दशक से अधार्मिक व्यवहार करते रहे।

अंदाजन प्रति साल 10-15 करोड़ की अवैध-अधार्मिक वसूली करने वाले महाठगों की टोली सुर्योदय के साथ ही भगवान बुद्ध की मूर्ति को सजा-सवांरकर गृद्धकूट पर्वत पर विराज डालते थे, वहीं सुर्यास्त होते हीं उनकी प्रतिमा को नीचे एक झाड़ी में छुपा देते थे।

RAJGIR GRIDHKUT PARWAT CRIME 2कभी-कभी जब कोई प्रशासनिक हलचल होती थी या खतरा महसूस होता था तो उसे भांपते ही दिन में भी प्रतिमा को आनन-फानन में झाड़ी में छुपा डालते थे। इस खेल में स्थानीय पुलिस-प्रशासन के साथ पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग के लोग भी अंदर से संलिप्त रहे।

जानकारों के अनुसार नालंदा जिले की गरीबी, बदहाली, लाचारी आदि का हवाला देकर यहां वसूली करने वाले आम पर्यटको को गृद्धकूट पर्वत की ओर जाने से रोकते थे, वहीं विदेशी पर्यटकों को विशेष निर्देश के साथ ले जाते थे। उन्हें यहां भगवान बुद्ध के बारे में भ्रामक जानकारी देते थे और इंडियन खासकर फॉरेन करेंसी चढ़ाने को अनुरोध-दबाव बनाते थे।

हालांकि पिछले दिन राजगीर एसडीओ संजय कुमार की गंभीरता से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई और तीन लोगों को दबोच कर जेल भेज दिया गया है। लेकिन ये तीन लोग ही इस गोरखधंधे में शामिल नहीं हैं। कई ऐसे नकाबपोश-सफेदपोश इस पाप में शामिल हैं, जो इनके संरक्षक बने हुए रहे।

देसी-विदेशी मुद्रा की बारिश ने एक पूरा सिंडिकेट खड़ा कर रखा है। जिसमें हर क्षेत्र के लोग शरीक हैं। अगर इसकी उच्चस्तरीय जांच की जाए तो उनके द्वारा पाप से कमाए गए कई लोगों की अकूत संपति सामने आएंगे, जोकि देश के कई हिस्सों में खड़ी की गई है।

नीचे दिए तस्वीरों से समझिए……

error: Content is protected !!
Exit mobile version