” इन दिनों सुशासन बाबू के गृह जिले नालंदा में चोरों की बहार है। गांव, नगर से लेकर शहर तक पुलिस चोरी-डकैती की घटनाओं पर लगाम लगाने में विफल साबित है। लेकिन राजगीर स्थित नालंदा आयुद्ध निर्माणी कारखाना कैंपस स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में करीव 5 लाख रुपये की सेंधमारी कर लोगों को झकझोर कर रख दिया है।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा आयुद्ध निर्माणी कारखाना कैंपस स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में सोमवार की रात चोरों ने बड़े आराम से चोरी की घटना को अंजाम दिया और किसी को कुछ पता ही न चला।
यदि वे सफल हो जाते तो निश्चित तौर पर चोरी की रकम काफी बड़ी होती। चोरों ने बैंक की बिजली काट दी थी। साथ ही वहां लगे सीसीटीवी कैमरे को पर्दे से ढक दिया था।
इस घटना की जानकारी सबसे पहले बैंक खोलने आये आदेशपाल को मिली। उन्होने पाया कि आरी से खिड़की में लगे लोहे को काटा गया है। आरी पत्ती भी वहीं पड़ी थी। उन्होंने इसकी फौरन सूचना शाखा प्रबंधक को दी।
बकौल शाखा प्रबंधक, “चोरों ने बिजली व सीसीटीवी कैमरे को निष्क्रिय करने के अलावे एटीएम के उपर लगी छतरी को भी उलट दिया था। इससे एटीएम को लिंक नहीं मिल रहा था। बैंक जिस एरिया में है। वहां आमतौर पर नौ-दस बजे सन्नाटा पसर जाता है। रात को कोई सुरक्षा कर्मी या गार्ड भी नहीं रहता”।
बता दें कि आयुध निर्माणी कारखाना परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। यहां हर आने-जाने वाली की सख्ती से जांच व जगह-जगह बने वाच टावर के कारण बाहर से किसी भी अजनबी का प्रवेश करना संभव नहीं है। यदि बाहरी चोरों ने प्रवेश कर घटना को अंजाम दिया है तो ऐसे संवेदनशील प्रतिष्ठान की सुरक्षा व्यवस्था पर कड़े सबाल खड़े करते हैं।
जानकारी के अनुसार आयुध निर्माणी कारखाना परिसर की सुरक्षा में डीएसजी (डिफेंस सिक्युरिटी गार्ड के 57 जवान, सेवानिवृत सैन्य बल के 60 जवान और 14 होम गार्ड के जवान 24 घंटे सुरक्षा में शिफ्ट वाइज तैनात हैं। इससे इतर आयुध निर्माणी कारखाना परिसर के चारो ओर स्थानीय पुलिस भी कड़ी पहरेदारी के ढिढोंरे पीटती रही है।
बकौल राजगीर डीएसपी सोमनाथ प्रसाद, ‘सीसीटीव फुटेज खंगाला जा रहा है। यह पता लगाया जा रहा है कि सोमवार को कौन-कौन लोग अंदर गये थे और कौन बाहर निकले थे। पुलिस इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई कर रही है। जल्द ही चोरों को पकड़ लिया जायेगा।
हालांकि, पुलिस के ऐसे दावे कितने सच साबित होगें, यह तो उसकी अग्रेतर गंभीर कार्रवाई पर ही निर्भर है। कुछ दिन पहले राजगीर में हुई भीषण डकैती की गुत्थी सुलझाना तो दूर, पुलिस उसका कोई सुराग पाने में भी अब तक विफल है।