“अपनी भाषणों में घोषणाओं से लोगों का दिल जीतने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श ग्राम भारत की परिकल्पना को पलामू का यह गांव मुंह चिढ़ा रहा है।”
आदर्श ग्राम योजना के तहत किशुनपुर पंचायत के लोगों को सपना दिखाया गया था कि इस गांव में लोगों की जरूरत की हर सुविधा उपलब्ध होगी। पक्के मकान, पेयजल, बिजली, स्कूल, बैंक और आधुनिक तकनीक से लैस होंगे यहां के ग्रामीण।
अब किशुनपुर पंचायत के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। डीजीपी पद से रिटायर होने के बाद सांसद बने बीडी राम को यहां के लोग झूठा करार दे रहे हैं।
लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से व्यापार मंडल के रूप में जाना जाने वाला किशुनपुर को प्रखंड बनाने की मांग कई सालों से उठ रही है।
किशुनपुर पलामू का आदर्श ग्राम है पर उस ग्राम में कई जगह अभी तक बिजली भी उपलब्ध नहीं हो पाई है।
शिक्षा व्यवस्था की बात करें तो यहां के बच्चों के लिए स्कूल तो हैं, इसके बावजूद उन्हें अच्छी पढ़ाई के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। यानि यहां शिक्षा की गुणवत्ता में आदर्श ग्राम बनने के बाद भी सुधार नहीं हुआ।
शिक्षा के बाद यहां के स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो वह भी ज्यादा स्वस्थ नहीं है। स्वास्थ केंद्र की हालत लचर है।
गांव के लोगों का कहना है कि आदर्श गांव किशुनपुर आज आदर्श ग्राम होने के बावजूद सारी सुविधाओं से वंचित हैं। यहां न सड़क है और न ही बिजली। पीने की पानी के लिए हमें दूर-दूर तक भटकना पड़ता है।