पटना। खुले में शौच प्रथा पर रोक लगाने व स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण इलाके में मोबाइल टॉयलेट घूमेगा। सरकार के सात निश्चयों में घर-घर शौचालय का निर्माण शामिल है। खुले में शौच प्रथा पर रोक लगाना सरकार की प्राथमिकता है।
मोबाइल टॉयलेट का इस्तेमाल उन जगहों पर होगा जहां स्वच्छता को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। जहां खुले में शौच प्रथा जारी है, ऐसे इलाके को चिन्हित कर उन जगहों पर मोबाइल टॉयलेट लगाये जायेंगे। इससे स्वच्छता को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ेगी। साथ ही खुले में शौच प्रथा पर रोक लगाने में सफलता मिलेगी। एक मोबाइल टॉयलेट पर एक साथ दस व्यक्ति इसका उपयोग कर सकते हैं। मोबाइल टॉयलेट का उपयोग होने पर उस पर लगे बायोकेमिकल सयंत्र से उसे कंपोस्ट बनाने का काम होगा।
कंपोस्ट का उपयोग खेतों में किया जायेगा। पीएचइडी विभाग प्रयोग के तौर पर दस मोबाइल टॉयलेट खरीद करने का निर्णय लिया है. यह प्रयोग सफल रहा तो और खरीदारी होगी।
फिलहाल दस मोबाइल टॉयलेट पर 2.71 करोड़ खर्च होंगे। मोबाइल टॉयलेट का प्रयोग विशेष परिस्थिति में भी होगा। मोबाइल टॉयलेट को मेला सहित अन्य कार्यक्रम स्थलों पर लगाया जायेगा।
एक मोबाइल टॉयलेट में छोटे-छोटे दस रूम होंगे। एक साथ दस व्यक्ति उसका उपयोग कर सकते हैं। टॉयलेट का उपयोग करने बाद हाथ की सफाई के लिए साबुन के साथ पानी की व्यवस्था होगी। पीएचइडी विभाग मोबाइल टॉयलेट की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए टेंडर निकाला गया है। टेंडर में सफल एजेंसी को उपयोग की तिथि से एक साल तक उसका रख-रखाव करना है।
मोबाइल टॉयलेट की खरीद पर 2.71 करोड़ खर्च होंगे। कहा जाता है कि मोबाइल टॉयलेट के लिए तीन ट्रैक्टर की खरीद होगी। ताकि आवश्यकतानुसार जगह पर मोबाइल टॉयलेट को पहुंचाया जा सके।
मोबाइल टॉयलेट पर बायेकेमिकल संयत्र लगा रहेगा। टॉयलेट का इस्तेमाल होने के बाद बायोकेमिकल से ट्रीटमेंट कर कंपोस्ट तैयार होगा। तैयार कंपोस्ट को किसी खेत में डाल दिया जायेगा। ग्रामीण इलाके में काफी उपयोगी होगा।