रांची। स्थानीय हिन्दी दैनिक प्रभात खबर एवं उसके वेबसाइट पर एक खबर को पढ़ने के बाद राजनामा.कॉम के संपादक ने अखबार के स्थानीय संपादक विजय पाठक जी को फोन किया। उन्होंने क्रईम रिपोर्टर अमन तिवारी से मिलने को कहा। शाम करीब 6 बजे मुकेश भारतीय दैनिक प्रभात खबर के रांची संपादकीय कार्यालय पहुंच कर समाचार को लेकर आपत्ति जताई तो अमन तिवारी पुलिस सुपरविजन रिपोर्ट का हवाला देकर पुलिस के पक्ष में खड़ा हो गया और दो टूक कहा कि पुलिस जो चाहती है , वहीं होता है।
विदित हो कि मुकेश भारतीय ने अपने पुत्र के अपहरण करने के प्रयास और जान मारने समेत तरह-तरह की धमकियां देने वाले आरोपियों विरुद्ध अतिशीघ्र जांच-कार्रवाई करने के संबंध में समय समय पर रांची सदर डीएसपी विकास चन्द्र श्रीवास्तव और बीआईटी ओपी के थाना प्रभारी पप्पु शर्मा के हमेशा संपर्क करते रहे हैं। दोनों घटना की करीब ढाई महीने बाद तक जांच जारी रहने की बात कहते रहे हैं। अभी तक कोर्ट में पुलिस डायरी या इससे संबंधित कोई भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। और न ही आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई ही की गई है।
सबसे बड़ी बात कि पीआरबी अधिनियम के तहत खबरों के चयन और प्रकाशन के लिये जिम्मेवार विजय पाठक के कहने पर जब संपर्क किया तो समाचार लेखक- क्रईम रिपोर्टर अमन तिवारी ने पुलिस और आरोपियों के समर्थन में खूब बातें क्यों की ? और अपने बड़े बैनर वाले अखबार का हवाला देकर कहा कि वह कुछ भी लिख-छाप सकता है। जबकि रांची एसएसपी प्रवीण द्वेदी को समाचार और मामले को लेकर मुकेश भारतीय द्वारा जो शिकायत पत्र सौंपी गई थी, उसकी एक प्रति अमन तिवारी को दी गई थी।
अमन तिवारी के बारे में पड़ताल करने पर ज्ञात हुआ कि कि इसका काम पुलिस अनुसंधान और न्यायालयों में लंबित मामलों को प्रभावित करने वाले समाचार-विचार प्रकाशित करना है और वह मामलों को आरोपियों एवं पुलिस को मैनेज करने में माहिर है।