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प्रायवेट स्कूल की छत से गिरी छात्रा, रीढ़ की हड्डी टूटी, स्कूल नहीं ले रहा सुध

“क्या सर, क्या मैं कभी नही चल सकती ? ….. इतना कह मासूम बच्ची फफक कर रो पड़ती है। उसकी आँखों से आँसू से उसके अरमानों के आंसू थम नहीं रहे…”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (नगरनौसा)। यह दर्द भरी दास्तां है नालंदा जिले के चंडी प्रखंड के हसनी गांव में रहने वाली एक मासूम बच्ची अनुजा भारती की, जो पिछले महीने ग्लोबल पब्लिक स्कूल महकार चंडी (नालन्दा) में 26/01/2018 जनवरी की तैयारी करते वक्त 25/01/2018 को विद्यालय के दो मंजिला छत से नीचे गिर गई थी, जिसमें उसकी रीढ़ की हड्डी तीन जगह से टूट गई।

nagarnaussa education crime 1बताते चलें कि हसनी गांव निवासी सुभाषा चन्द्र सिन्हा (पप्पू महतो) की तेरह वर्षीय पुत्री अनुजा भारती चंडी प्रखंड के महकार में एक निजी स्कूल में पिछले साल फरवरी माह से वर्ग आठ में लगातार पढ़ाई कर रही थी।

इसी दौरान 25/01/2018 को वह विद्यालय की लापरवाही का शिकार हो अपनी रीढ़ की हड्डी तुड़वा अपने उज्वल भविष्य को धूमिल कर बैठी। जबकि विद्यालय के प्रधान द्वारा पैर टूटने की बात कही गई थी।

एक्सपर्ट मीडिया से बात करने पर सुभाष चन्द्र सिन्हा ने बताया कि वे अपनी बच्ची का इलाज पटना के निजी अस्पताल में कराया हैं, लेकिन उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाने की आवश्यकता है।

मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले सुभाष चन्द्र सिन्हा के पास इतने पैसे नहीं है कि वे अपनी बच्ची का इलाज दिल्ली करवा सकें। वे पैसे  को लेकर चिंतित दिख रहे हैं।

श्री सिन्हा ने विद्यालय प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय पर भरोसा कर ही अपनी बच्ची का नामांकन कराया था। लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं समझा। अगर देख रेख सही होता तो मेरी बच्ची के साथ इतना बड़ा हादसा नही होता।

उधर स्कूल के प्रधान जितेंद्र कुमार सागर ने बताया कि उस बच्ची के  इलाज का सारा  खर्चा विद्यालय उठा रहा है। लेकिन अनुजा की माँ सुनीता सिन्हा ने बताया कि वो साफ झूठ बोल रहे हैं, एक फूटी कौड़ी भी नही दी।

आखिर एक बच्ची जो अब अपने बिस्तर से उठ नहीं सकती, न फिलहाल पढ़ सकती है। उसके भविष्य को लेकर आर्थिक तौर से तंगहाल परिवार के लोग चिंतित हैं, उसकी जबादेही किसकी है?

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