“एसएफसी के जिला प्रबंधक ने दर्ज कराई एफआईआर, ईए के साथ-साथ बीएओ को बनाया नामजद अभियुक्त, पैक्स और मिलर से जुड़े लोगों पर जताया गया संदेह, एफआईआर दर्ज होते ही बीएओ हुआ गिरफ्तार“
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के हिलसा में हुए चावल घोटाले में उस समय नया मोड़ आ गया, जब एसएफसी (जिला खाद्य प्रबंधक) द्वारा न केवल सभी गोदामों को सील किया गया बल्कि थाने में एक प्राथमिकी भी दर्ज करवा दी गई।
इधर एफआईआर दर्ज होते ही नामजद अभियुक्तों में शामिल बीएओ शंकर राम को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसएफसी के जिला प्रबंधक रामबाबू द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में एसडीओ हिलसा के रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। एफआईआर में वही पौने दो करोड़ रुपये चावल के गबन की चर्चा है। जिसके संबंध में शुक्रवार को बीएओ शंकर राम की ओर दर्ज कराई गई एफआईआर में अंकित है।
एफआईआर के मुताबिक बीएओ श्री राम को ही गोदाम के अंतिम रख-रखाव की जिम्मेवारी थी। जिस ईए संजीव पर पौने दो करोड़ रुपये के चावल गबन किए जाने और पूछे जाने पर चाभी फेंककर भाग जाने का आरोप लगाया गया, उसे पिछले सात जुलाई माह में बीएओ श्री राम द्वारा स्वच्छता प्रमाण-पत्र दिया गया।
एफआईआर के मुताबिक इन सारी स्थितियों से स्पष्ट होता है कि इसमें ईए संजीव के साथ-साथ बीएओ शंकर राम की भी संलिप्ता है। इसमें वैसे पैक्स और मिलरों पर भी संदेह जताया गया है, जो गोदाम से जुड़े हुए थे।
एफआईआर दर्ज कराए जाने के साथ ही प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी की मौजूदगी में वैसे गोदामों को तत्काल सील कर दिया, जिससे चावल गबन होने संबंधी एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।
इधर थानाध्यक्ष रत्न किशोर झा ने पूछने पर इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एसएफसी के जिला प्रबंधक द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में नामजद बनाए गए अभियुक्तों में शामिल बीएओ को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले का अनुसंधान गहराई से किया जा रहा है।