Home आस-पड़ोस प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश से मनरेगा फर्जीवाड़ा के दोषियों पर FIR, लेकिन...

प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश से मनरेगा फर्जीवाड़ा के दोषियों पर FIR, लेकिन लल्लो-चप्पो में जुटी पुलिस

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। पटना प्रमंडलीय आयुक्त सह प्रथम अपीलीय लोक शिकायत निवाराण प्राधिकार ने एकंगरसराय प्रखंड के पार्थु पंचायत अन्तर्गत धरम बिगहा गांव में मनरेगा योजना के तहत फर्जी तालाब की खुदाई के मामले में शामिल लाभुक, मेट, पूर्व कार्यक्रम पदाघिकारी, मनरेगा लेखापाल, वर्तमान कनीय अभियंता, पंचायत सहायक, रोजगार सेवक एवं मुखिया को दोषी करार देते हुये उन सबों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अंतिम आदेश दिया है।

उक्त आदेश के आलोक में उप विकास आयुक्त के निर्देश पर एकंगरसराय के वर्तमान कार्यक्रम पदाधिकारी आलोक कुमार ने लाभार्थी रंजीत कुमार पिता-स्व. सुखु महतो और श्री उमेश प्रसाद, पिता- स्व. यमुना प्रसाद दोनों निवासी ग्राम- धर्मबिगहा, थाना- तेल्हाड़ा एवं वर्तमान पार्थु पंचायत रोजगार सेवक श्री नरेन्द्र कुमार, वर्तमान पार्थु पंचायत मुखिया शिवसहाय प्रसाद, वर्तमान मनरेगा कनीय अभियंता श्री अनिल कुमार पासवान, मनरेगा लेखपाल श्री धीरेन्द्र कुमार आर्या, तात्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी राजेश कुमार के खिलाफ तेल्हाड़ा थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।MANREGA CRUPTION 4

इस शिकायत के आलोक में तेल्हाड़ा थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 409,420,34 के तहत कांड संख्या- 118/18 दिनांक- 06.08.18 को ही दर्ज कर ली है, लेकिन पुलिस ने दोषी करार नामजद अभियुक्तों के प्रति अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सारे अभियुक्त खुलेआम घुम रहे हैं। अपने-अपने कार्यालयों में नियमित हाजरी लगा रहे हैं, वे फिर पुलिस की नजर में फरार हैं।

इस बाबत तेल्हाड़ा थाना प्रभारी सह अनुसंधानक ऋषिकेश कुमार ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज से कहा कि सभी अभियुक्तों को जमानत ले लेने को कहा गया है। अगर नहीं लेगें तो उन्हें मजबूरन पकड़ कर भेजना पड़ेगा।

थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि नामजद दोषी सरकारी कर्मी अभियुक्तों का पता लगाने के लिये एक बार गये थे, लेकिन वे सारे फील्ड में बताये गये। कुछ अभियुक्तों  के बारे में यह भी बताया गया कि उन्होंने इस मामले में जमानत ले ली है, लेकिन किसी के द्वारा थाना में बेल रिकॉल से अवगत नहीं कराया है।

इस मामले में एकंगरसराय प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि आज मनरेगा कनीय अभियंता कार्यालय आये थे, जिन्होंने कहा कि उन्होंने जमानत ले ली है।  

प्रखंड विकास पदाधिकारी ने आगे कहा कि उन्हें इस मामले की विशेष जानकारी नहीं है। वे तीन माह से सरकारी प्रशिक्षण में गये हुये थे। अधिक जानकारी मनरेगा कार्यालय के लोग ही बता सकते हैं।

बता दें कि पुष्पारंजन कुमार ने दिनांकः 21.07.18 को लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नालंदा के निर्णय के विरुद्ध प्रमंडलीय आयुक्त,पटना प्रमंडल, पटना सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार श्री आनंद किशोर के समक्ष अनन्य संख्या- 427110213031801087/1A दायर की थी, जिन्होंने मामले को निर्धारित अवधि से अधिक समय तक घसीटने के बाद उप विकास आयुक्त के प्रतिवेदन के आलोक में वाद की कार्रवाई समाप्त कर दी थी।

श्री आनंद किशोर के समक्ष मामले की हुई सुनवाई का विवरण निम्न प्रकार है, जिससे सारा मामला आसानी से समझा जा सकता है…..

अंतिम आदेश का विवरण: 1.  अपीलार्थी उपस्थित।  जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नालंदा एवं कार्यक्रम पदाधिकारी, एकंगरसराय, मनरेगा उपस्थित।

  1. अपीलार्थी ने यह अपील जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नालंदा के निर्णय के विरूद्ध दायर किया है। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नालंदा ने लोक प्राधिकार से प्राप्त प्रतिवेदन को आधार बनाते हुए आदेश पारित किया है।

लोक प्राधिकार–सह- उप विकास आयुक्‍त, नालन्‍दा ने प्रतिवेदित किया है कि परिवाद की जाँच मनरेगा लोकपाल से कराई गई तथा व्‍यय कि गई राशि 40179/- रू. की राशि मनरेगा कर्मियों से वसुली कर विभागीय निधि में जमा करा दी गई है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कर्रवाई अपेक्षित नहीं है। अतएव जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नालंदा ने लोक प्राधिकार के उक्त प्रतिवेदन के आलोक में इस वाद की कार्रवाई समाप्त कर दी है।

  1. अपीलार्थी का कहना है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी, एकंगरसराय के दिए गए निर्देश के आलोक में पंचायत सचिव अनुपालन करने में निजी स्वार्थ के लिए अभिरुचि नही ले रहे हैं।
  2. इस प्राधिकार द्वारा दिनांक 31.07.2018 को सुनवाई की गई थी, जिसमें कार्यक्रम पदाधिकारी, एकंगरसराय, मनरेगा द्वारा उप विकास आयुक्त, नालंदा के पत्रांक 1483 दिनांक 30.07.2018 के माध्यम से उपस्थित होकर बताया गया था कि परिवादी द्वारा पंचायत-पारथू, एकंगरसराय, नालंदा में मनरेगा योजना अन्तर्गत तालाब खोदे जाने में की गई अनियमितता के संबंध में परिवाद दायर किया गया है।

इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी, एकंगरसराय एवं लोकपाल, मनरेगा, नालंदा द्वारा जांच की गई थी। जांच में तालाब खुदाई में अनियमितता पाई गई थी, जिसके आलोक में लोकपाल, मनरेगा द्वारा योजना पर व्यय की गई राशि 40,179/- रू. को नियमानुकूल नहीं बताया गया।

लोकपाल, मनरेगा, नालंदा के जांच प्रतिवेदन के आलोक में योजना पर व्यय की गई राशि 40,179/- रू. की वसूली कर ली गई है तथा तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा, लेखापाल, कनीय अभियंता, पंचायत तकनीकि सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, मुखिया एवं मेट से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।

लोकपाल, मनरेगा के जांच प्रतिवेदन में अंकित है कि मनरेगा योजना के तहत पूर्व से निजी जमीन पर अवस्थित तालाब को मनरेगा योजना के तहत दिखाकर फर्जी ढंग से 40,179/- रू. का भुगतान प्राप्त कर लिया गया है।

अतः उप विकास आयुक्त, नालन्दा को निदेश दिया गया था कि वे दोषी लाभुक एवं दोषी कर्मियों/पदाधिकारी के विरूद्ध एक सप्ताह के अंदर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कृत प्रतिवेदन के साथ सुनवाई की अगली तिथि दिनांक-07.08.2018 को किन्हीं को भेजें ।

  1. आज दिनांक-07.08.2018 को सुनवाई की गई । जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा, एकंगरसराय, नालंदा द्वारा उपस्थित होकर ज्ञापांक-440, दिनांक-06.08.2018 के माध्यम से प्रतिवेदित किया गया कि दोषी लाभुक एवं कर्मियों/पदाधिकारियों के विरूद्ध थाना-तेलहड़ा में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। तद्नुसार वाद की कार्रवाई समाप्त की जाती है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version