“ नवादा डीपीएम शिवशक्ति से लगे आरोपों की बाबत बात की गई तो उन्होंने सारे आरोपों को निराधार बताते हुये कई रोचक खुलासे किये हैं। नवादा जिले में शिक्षकों के खिलाफ हुई बड़े पैमाने पर कार्रवाई भी जद में है। एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क उनके दावों-जबावों को अलग से प्रस्तुत करेगी। जिसमें कतिपय स्थानीय मीडिया और शिक्षा व्यवस्था पर काबिज अवैध तंत्र के भी कई चेहरे सामने आयेगें….”
नालंदा ( राजीव रंजन)। पड़ोसी नवादा जिला के शिक्षा विभाग का डीपीएम शिव के विरुद्ध भारतीय कमुनिस्ट पार्टी के द्वारा मध्यान भोजन के निदेशक को 25 जनवरी 2018 को पत्र के माध्यम से डीपीएम के ऊपर कार्यवाही करने को लिखा गया।
इस डीपीएम के विरुद्ध बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव प्रभाकर झा ने अपने पत्रांक 32/18 दिनांक 14 मई 2018 को नवादा के तत्कालीन जिला अधिकारी को पत्र लिखकर जांचोपरांत कार्रवाई करने का आवेदन दिया।
इतना ही नहीं प्रधानाध्यापक संघ एवं शिक्षक संघ ने भी कितने बार बार इसकी शिकायत उच्च स्तर तक की है।
नवादा डीपीएम शिव शक्ति पर आरोप है कि विद्यालय से जांच के नाम पर मध्यान्ह भोजन के नाम पर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों को डरा-धमकाकर अपने दलाल के जरिए मोटी रकम की अवैध कमाई करते हैं और साफ तौर पर कहता हैं कि उन्हें किसी का भय नहीं है।
आरोप है कि विगत 27 अगस्त को जिला के डीपीएम साहब शिवशक्ति अपने निजी वाहन के द्वारा विद्यालय जाकर जांच के नाम पर शिक्षकों से मनचाही रकम की वसूली करने पहुंच गये, जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा 27 अगस्त को उच्च विद्यालय की जांच नवादा के सिरदला प्रखंड में करना था।
आरोप है कि जांच के दौरान कार्रवाई की धमकी दी गई और जिस विद्यालय में जांच की गई वहां के शिक्षक को कार्यालय बुलाया गया शिक्षक कार्यालय नहीं पहुंचे तो डीपीएम शिव शक्ति अपने साथ एक दलाल जो उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामदेव कन्या अकबरपुर में पदस्थापित शिक्षक जयराम सिंह को साथ लेकर सिरदला पहुंचे तथा शिक्षकों को फोन कर सिरदला बुलाकर सभी शिक्षकों से 10-10 हजार रुपए अवैध राशि वसूल अपशब्द भी बोले।
जब पीड़ित शिक्षकों ने इसके कुकृत्य के विरुद्ध उच्च पदाधिकारियों से मौखिक एवं लिखित शिकायत की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शिक्षकों का आरोप हैं कि डीपीएम शिव शक्ति के इस कुकृत्य के कारण पिछले अप्रैल-मई महीने में नवादा जिले के विद्यालयों में लगातार 40 दिनों तक मध्यान भोजन बंद रखा गया था।