हरनौत(संवाददाता)। नालंदा जिले के हरनौत में ट्रैक्टर से कुचलकर मोटरसाइकिल सवार युवक की हुई मौत के खिलाफ मृतक के परिजनों ने एनएच 31 को लगभग चार घंटा जाम कर सरकारी अस्पताल में कुव्यवस्था पर आक्रोश जताया।
इसी बीच डॉक्टर मणिकांत गुप्ता मोटरसाइकिल से अस्पताल पहुंचे। उसके बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती किया गया। घायल युवक को गंभीर स्थिति को देखते हुए पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। मरीज को पीएमसीएच ले जाने के बाद इलाज तो शुरू किया गया,लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। जिससे गुस्साए परिजनों ने गुरुवार की दोपहर एनएच 31 को जाम कर दिया। मृतक के परिजन आरोप लगा रहे थे कि डॉक्टर के लापरवाही के कारण मौत हुई है। अगर अस्पताल में डॉक्टर उपस्थित होते और समय पर इलाज कर दिया जाता तो शायद मेरा लड़का की जान बच जाता।
4 घंटा मशक्कत के बाद टूटी जामः मौत के बाद हुई सड़क जाम के चलते सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई। लगभग पाँच छः किलोमीटर तक वाहनों का कतार देखा गया। यात्री अपने गंतव्य स्थान तक जाने के लिए काफी बेचैन थे। पुलिस बार-बार जाम हटाने का आग्रह कर रही थी, लेकिन परिजन अस्पताल की लापरवाही एवं आपदा प्रबंधन के तहत मुआवजा राशि की मांग पर अड़े थे।
लगभग 4 घंटा बाद प्रशासन ने मृतक के परिजनों से समझौता कर जाम हटाया। थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि घटना का अंजाम देने वाला ट्रेक्टर जप्त कर लिया गया है। चालक घटना को अंजाम देने के बाद भागने में सफल रहा। मृतक के परिजनों के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज किया जाएगा। फिलहाल सरकारी व्यवस्था के तहत बीस हजार रुपया सहायता राशि के रूप में मृतक के परिजन को दिया गया है।
अस्पताल का हाल बदहालः स्वास्थ्य समिति के वरीय सदस्य चंद्र उदय कुमार ने बताया कि हरनौत अस्पताल का हाल दिनोंदिन बद से बदतर होता जा रहा है। यहां सुविधाओं का घोर अभाव है। डॉक्टर सरकारी अस्पताल छोड़ निजी क्लीनिकों में बैठकर इलाज करते हैं। बुधवार की शाम डॉक्टर मणिकांत गुप्ता अस्पताल उपस्थित नहीं थे।
मोबाइल पर दिए गए सूचना के आधार पर डॉक्टर साहब अस्पताल पहुंचकर सड़क दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल का इलाज किए हैं। ऐसे स्थिति में अस्पताल की कुव्यवस्था जगजाहिर है।कई बार जिले के आला अधिकारियों को अस्पताल की व्यवस्था के बारे में शिकायत की गई है। बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं किया जाता है।
चिकित्सक ने कबूल किया अपना दोषः सड़क दुर्घटना में घायल युवक को अस्पताल लाने के बाद इलाज में हुई विलंब को डॉ मणिकांत गुप्ता ने स्वीकार किया। कहा कि संयोग वस बुधवार की शाम हम अस्पताल में नहीं थे। उसी समय एक्सीडेंटल मरीज आया,लेकिन कुछ ही समय बाद हम अस्पताल पहुंचकर घायल का प्राथमिक उपचार कर पीएमसीएच रेफर किया था।
दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाईः सिविल सर्जन डॉक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि डॉक्टर के नहीं रहने पर युवक के इलाज में हुई विलंब की जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।