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जलमीनार कांडः मुखिया पति ने वार्ड का पैसा हड़प यूं खरीदा न्यू बोलोरो  

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड के गोराईपुर पंचायत अंतर्गत बिहार के सीएम नीतिश कुमार के खास माने जाने वाले कद्दावर कबीना मंत्री ललन सिंह के पैत्रिक गांव (गिलानीचक) में एक नवनिर्मित 5 हजार लीटर क्षमता वाली जलमीनार अचानक धाराशाही हो गया।

वेशक इस जलमीनार के निर्माण कार्य में सरकारी नियम-प्रावधानों की धज्जियां उड़ाते हुये भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला गया। जिसे लेकर स्थानीय थाना में कनीय अभियंता समेत वार्ड क्रियान्वयन व संचालन समति के सदस्यों समेत 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस अनुसंधान जारी है।nalanda cruption 2 1

इधर, आज एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को उक्त जलमीनार कांड को लेकर एक सनसनीखेज तथ्य प्राप्त हुये हैं। सीएम सात निश्चय के तहत जल-नल योजना की कार्य एजेंसी वार्ड समिति होती है। गोराईपुर पंचायत के वार्ड-05 में इस एजेंसी के खाते से आवंटित करीब 11 लाख रुपये में 7.25 लाख चेक द्वारा मुखिया पति के खाते में चली गई।

हालांकि इस बाबत मुखिया पति का कहना था कि उसे वे रुपये वार्ड समिति ने जलमीनार निर्माण की सामग्री आपूर्ति के लिये दी थी।

लेकिन वार्ड सचिव का कहना था कि मुखिया पति ने जालसाजी व जबरदस्ती कर वार्ड सदस्य के खाते की क्रमशः 304429 एवं 304430 संख्या की दो चेक हड़प लिये,जो कि मध्य बिहार ग्रामीण बैंक की लोदीपुर नगरनौसा शाखा के खाता संख्या- 71750100167276 से निर्गत थे।

मुखिया पति के बैंक एकाउंट का स्टेटमेंट…जो स्पष्ट करता है कि वार्ड के पैसे को कैसे हड़प अपने एकाउंट में जमा किया…. और बाद में नई बोलोरो वाहन खरीदने हेतु राशि ट्रांसफर किया……

उन दोनों चेक में एक चेक संख्या-304429 का भुगतान 1,50,000.00 (एक लाख पचास हजार) रुपये राजनंदन के नाम से एवं दूसरे चेक संख्या-304430 का भुगतान 5,71,000.00 (पांच लाख इकहत्तर लाख) रुपये रंजन चौधरी क नाम से भुगतान हुआ।

मुखिया पति के बैंक एकाउंट स्टेटमेंट से यह बात साफ जाहिर होता है कि उसने वार्ड सदस्य के खाते से जो एकमुश्त बड़ी राशि हड़पी, उसका इस्तेमाल स्वार्थवश दूसरे उदेश्यों में किया।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मुखिया पति ने अपने खाते में अचानक आई बड़ी राशि से राजधानी पटना के एक ऑटोमोबाईल एजेंसी से एक नई बोलोरो गाड़ी की खरीदारी की। इसकी पुष्टि मुखिया पति के बैंक एकाउंट से उक्त एजेंसी के नाम जारी राशि के अवलोकन से भी साफ स्पष्ट होता है।

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