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गृद्धकुट पर्वत पर 40 वर्षों से चल रहा था धार्मिक ठगी-वसूली का धंधा!

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक गृद्धकूट पर्वत पर रोज भगवान बुद्ध की प्रतिमा रख देसी-विदेशी सैलानियों-पर्यटकों से ठगी एवं उनका भयादोहन खेल पिछले 40 वर्षों से चल रहा था और इस बड़े रैकेट में पुरातत्व विभाग से लेकर पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों तक की खुली संलिप्तता रही है।

राजगीर के सबलपुर मोहल्ला निवासी अजय कुमार द्वारा 23 सितबंर,2015 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के तात्कालीन महानिदेशक डॉ. राकेश तिवारी को बिहार जन शिकायत निवारण अधिनियम-2015 के तहत आवश्यक कार्रवाई हेतु लिखित शिकायत आवेदन दिया था। लेकिन उस शिकायत को अनसुनी कर दी गई।

RAJGIR GRIDHDHKUT CRIME

इस शिकायत में साफ तौर पर लिखा गया था कि विश्व शांति स्तूप के पैदल मार्ग पर अवस्थित गृद्धकूट पर्वत पर माली टोला राजगीर निवासी अर्जुन मालाकार पिता स्व. बाढ़ो मालाकार खुद को स्थल का पुजारी कह कर विदेशी पर्यटकों को वहां पूजा करने को बाध्य करता है और बिहार की गरीबी का हवाला देकर विदेशी मुद्रा की ठगी करता है।

पर्यटकों को वह यह भी बताता है कि उसे इस कार्य हेतु भारत सरकार एवं बिहार सरकार के द्वारा पुलिस बल भी दिया गया है।

इस गोरखधंधे में अर्जुन मालाकार के साथ उसका पुत्र प्रदीप कुमार, भगीना सुबोध कुमार, प्रमोद कुमार, अंकेश कुमार, संजय कुमार, सुनील कुमार के आलावे दूसरे धोबी टोला राजगीर निवासी संजय कुमार पिता स्व. सुमति प्रसाद, जो खुद को फोरमैन कहता है, खुले रुप से शामिल है।

शिकायतकर्ता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के तात्कालीन महानिदेशक डॉ. राकेश तिवारी से त्वरित जांच कार्रवाई करने की मांग की थी। इस पर उनके स्तर से क्या सुध ली गई, यह भविष्य के गर्त में है।

बहरहाल, इस शिकायत पत्र के अवलोकन से साफ जाहिर है कि राजगीर गृद्धकूट पर देसी-विदेशी सैलानियों से वर्षों से करोड़ों की ठगी-वसूली से समूचा भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग महकमा वाकिफ रहा और राशि का बंदरबांट नीचे से उपर तक होता रहा ?  

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