“चंडी प्रखंड प्रमुख -उप प्रमुख की कुर्सी को लेकर पिछले 6 माह से जारी शह-मात का खेला आज बुधवार को ई किसान भवन में सफल हो गई। इस राजनीतिक शतरंज की बिसात पर पर्दे के पीछे खड़े प्रखंड राजद अध्यक्ष प्रशांत उर्फ गुड्डू यादव ने अच्छों-अच्छों को पानी पिलाते हुये वह कर दिखाया, जो स्थानीय राजनीति में इतनी कम उम्र में अब तक कोई नहीं कर सका है।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा के चंडी प्रखंड में प्रमुख और उप प्रमुख के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में वर्तमान प्रमुख और उप प्रमुख को मुँह की खानी पड़ी। दोनों को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है। अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 22 पंचायत समिति सदस्यों में से 13 सदस्यों ने मत दिया, वहीं प्रमुख और उप प्रमुख को सिर्फ 9 सदस्यों का ही समर्थन मिला।
चंडी प्रखंड प्रमुख निर्मला देवी तथा उप प्रमुख पूनम कुमारी के खिलाफ 12 पंचायत समिति सदस्यों ने इसी माह 10 जूलाई को लाया था। अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर विक्षुब्ध गुट ने आरोप लगाया कि प्रमुख योजनाओं में अपनी मनमानी करते हैं।
चंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी विशाल आनंद ने प्रमुख और उप प्रमुख को अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी दी तो उन्होंने आवेदन लेने से ही इंकार कर दिया तथा आरोप लगाया कि अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी सीधे प्रमुख को देनी चाहिए था। बाद में बीडीओ द्वारा इनके घरों पर नोटिस चस्पा किया गया ।
प्रमुख और उप प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 25 जूलाई को बैठक बुलाई गई। जहाँ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मत विभाजन में प्रमुख और उप प्रमुख ने अपनी कुर्सी गवां दी।
चंडी प्रमुख और उप प्रमुख की चूलें हिला देने के पीछे प्रखंड के एक राजद नेता प्रशांत कुमार उर्फ गुडु का हाथ बताया जा रहा है। उनकी सक्रियता से ही प्रमुख और उप प्रमुख को कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।
दोनों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की पृष्ठभूमि पिछले छह माह से तैयार की जा रही थी। योजनाओं को लेकर मनमानी से आहत कुछ विक्षुब्ध प्रमुख को कुर्सी से हटाना चाह रहे थे। लेकिन उनके पक्ष में समर्थन मिलता नहीं दिख रहा था।
कई दौर की बैठक के बाद अविश्वास प्रस्ताव की सुगबुगाहट तेज होने लगी।पहले दस सदस्य साथ आए फिर भी बहुमत से कम। इसी बीच प्रमुख खेमे से भी बहुमत उनके पक्ष में होने का दावा किया जाता रहा। अविश्वास प्रस्ताव के बाद भी विक्षुब्ध गुट के पास अपने सदस्यों को एकजुट रखना मुश्किल दिख रहा था।
ऐसे में राजद के प्रखंड युवा अध्यक्ष प्रशांत उर्फ गुडु यादव का साथ विक्षुब्ध गुट को मिला। जब सदस्य प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहे थे, तब भी प्रशांत कुमार का साथ मिला।
जब सदस्यों को एकजुट रखने की समस्या आई तो ऐसे में राजद नेता ने भी सक्रियता दिखाई। उन्होंने सिर्फ अपने सभी 12 सदस्यों को एकजुट ही नहीं रखा, बल्कि प्रमुख खेमे के एक सदस्य को भी अपने पाले में कर लिया।
अविश्वास प्रस्ताव की तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही थी राजद नेता अपने खेमे के सदस्यों को झारखंड की सैर को लेकर चले गए। जिसकी भनक प्रमुख खेमे को भी नहीं लगीं। जबकि प्रमुख खेमा भी विक्षुब्ध गुट के एक दो सदस्य को अपने खेमे में लाने का लगभग दाँव चल चुके थे, लेकिन उन्हें हाथ मलना पड़ा।
फिलहाल राजद नेता प्रशांत उर्फ गुडु यादव की सक्रियता सदस्यों की चट्टानी एकता ने प्रमुख और उप प्रमुख को पदच्यूत करने में कामयाब रही।
अब देखना है कि प्रमुख और उप प्रमुख चुनाव तक इन सभी सदस्यों की चट्टानी एकता कायम रहती है या बिखर जाएगी। लेकिन शह-मात के इस राजनीतिक के खेल के असली ‘युवा कोच’ को कभी कोई नहीं भूल पायेगा।