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…और एसएसपी ने खुद एके-47 लेकर संभाला मोर्चा, यूं बड़े दहशत से बच गया रांची

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“……तभी एसएसपी कुलदीप द्वेदी पहुंचे। एके-47 लेकर खुद मोर्चा संभाला। कुछ दूर जाते ही कीचड़ में पैर फंसा तो एसएसपी ने जूते वहीं छोड़ दिए। नंगे पैर झाड़ियों में पहुंचे। सरेंडर करने की चेतावनी दी। इसके बाद विजेंद्र और जयप्रकाश ने सरेंडर कर दिया।  डीजीपी ने भी इस ‘साहस’ की दाद दी।”

RANCHI SSP CRIME 2रांची (INR)। राजधानी में दीपावली के पूर्व  दो बिल्डरों की हत्या कर दहशत का माहौल पैदा करने की मंशा से कुख्यात अपराधियों की धुर्वा के एचईसी अस्पताल के पास पुलिस के साथ कड़ी मुठभेड़ हुई। करीब आधे घंटे तक दोनों ओर से जमकर फायरिंग हुई। इसके बाद एसएसपी कुलदीप द्वेदी की माइक वार्निंग के बाद दो अपराधियों विजेंद्र यादव और जयप्रकाश शुक्ला उर्फ बंधु शुक्ला ने सरेंडर कर दिया। इनकी निशानदेही पर धुर्वा से मुन्ना राय, सुखदेव नगर से रॉकी, डोरंडा से सुमित और लातेहार के दिलीप भी धरे गए।

 इन अपराधियों ने रांची पुलिस को बताया कि वे लोग डोरंडा के हेथू गांव निवासी जमीन कारोबारी बिल्डर मदन और गंगा की हत्या करने आए थे। उसी गांव के जमीन कारोबारी बीनू गोप ने इसके लिए 10 लाख रुपए की सुपारी दी थी। इन अपराधियों ने शनिवार को सुखदेव नगर में सोनू ठाकुर की हत्या करने की बात भी स्वीकारी है।

एसएसपी कुलदीप द्विवेदी के अनुसार इन अपराधियों ने एक बिल्डर की विद्या नगर और दूसरे बिल्डर की शालीमार बाजार के पास हत्या करने की योजना बनाई थी। पुलिस को इसकी सूचना मिल गई। विद्या नगर के पास चेकिंग शुरू कर दी। एक टीम धुर्वा में थी। तभी विजेंद्र और जयप्रकाश बाइक से निर्माणाधीन विधानसभा के पास जाते दिखे। पुलिस ने बाइक में धक्का मार दिया। इससे दोनों गिर गये लेकिन, फायरिंग करते हुए एचईसी अस्पताल के सामने झाड़ियों में घुस गए। चकमा देने के लिए विजेंद्र ने शर्ट खोलकर झाड़ियों में टांग दी और दूसरी जगह से फायरिंग शुरू कर दी।

पुलिस से बचने के लिए शर्ट उतारी पुलिससे घिरकर अपराधी गोलियां चलाते हुए झाड़ियों में घुस गए। इस बिजेंद्र यादव ने कमीज झाड़ियों में टांग दी, खुद दूर छिप गया। ताकि पुलिस गोली चलाए तो शर्ट पर ही लगती रहे।

एसएसपी ने बताया कि अपराधियों ने मधुकम मिलन चौक पर शनिवार रात सोनू ठाकुर की हत्या की बात स्वीकारी है। पूछताछ में कहा कि सोनू की हत्या करने की उनकी योजना नहीं थी। किसी बात पर उनकी सोनू से बहस होने लगी। गुस्से में उसकी हत्या कर दी। पुलिस सोनू और अपराधियों के बीच रिश्ता ढूंढ़ रही है।

विजेंद्र और शुक्ला की निशानदेही पर अन्य तीन अपराधियों को पुलिस ने विभिन्न ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अपराधी विजेंद्र यादव ने खुद को बिहार के आरा का रहने वाला बताया।

वहीं शुक्ला ने खुद को पलामू का और दिलीप ने लातेहार का निवासी बताया। दो अपराधी रांची के हैं। इनमें मुन्ना राय का घर धुर्वा और सुमित का घर डोरंडा में है।

मुठभेड़ के दौरान जब पुलिस ने झाड़ियों में छिपे अपराधियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी तो अपराधियों ने गोलियां चलाना बंद कर दिया। इस पर वहां हाथ में एके 47 लेकर एसएसपी कुलदीप द्विवेदी आगे बढ़े, लेकिन उनका पैर कीचड़ में फंस गया। उन्होंने दोनों जूते वहीं छोड़ दिए।

इसके बाद एसएसपी लाउडस्पीकर से एनाउंस करते हुए चेतावनी दी कि तुमलोगों के भागने का कोई रास्ता नहीं है। चुपचाप सरेंडर कर दो, नहीं तो एनकाउंटर कर दिया जाएगा। इसके बाद विजेंद्र हाथ ऊपर कर सरेंडर कर दिया।

एसएसपी ने फिर एनाउंस किया कि तुम्हारे एक साथी ने सरेंडर कर दिया है। अब तुम्हारी बारी है। इसके बाद दूसरा अपराधी जयप्रकाश शुक्ला ने भी सरेंडर कर दिया।

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