” संजय घर का एक मात्र सहारा था और उसी पर सभी चार-भाई बहनों की जिम्मेदारी थी। घर का सारा देख-रेख वही करता थ। आर्थिक तंगी के कारण उसने आत्महत्या कर ली। “
रांची (न्यूज ब्यूरो)। झारखंड की राजधानी से महज रांची से चालीस किलोमीटर दूर चान्हों प्रखंड के बेतलंगी गांव में आर्थिक तंगी के कारण बुधवार को 25 वर्षीय किसान संजय मुंडा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बताया जा रहा है कि किसान संजय मुंडा कुछ दिनों से खेत में होने वाले रोपा-डोभा के खर्च से परेशान था। संजय घर का एक मात्र सहारा था और उसी पर सभी चार-भाई बहनों की जिम्मेदारी थी। संजय के पिता भी दिव्यांग हैं।
संजय मुंडा पांच भाई बहनों में दूसरे नंबर पर था। संजय मुंडा की माता फूलकुमारी की दो साल पहले मौत हो चुकी है। एक बहन मांडर कालेज में बीए पार्ट वन, दूसरी बहन चान्हो स्थित सरकारी स्कुल में पढ़ती है।
परिवार मे किसी के नाम से लोन नहीं है। करीब सात आठ साल पहले उसके पिता ने लोन मे गाय लिया था, जिसका लोन चुकता हो गया है।
आत्महत्या की सुचना मिलने पर चान्हो के सीओ प्रवीण कुमार सिंह, बीडीओ प्रवीण कुमार बेतलंगी गांव पहुंचे और पारिवारिक लाभ योजना के तहत उसके पिता चंदलु मुंडा को तीन हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करायी।
इस मामले में संजय के परिजनों का कहना था कि घर का सारा देख-रेख वही करता थ। परिजनों ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण उसने आत्महत्या कर ली।
मृतक के परिजनों से मिलने झाविमों सुप्रीमों बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार गरीबो और मासूमों का मारने पर तुल गई है। यह सरकार सिर्फ और सिर्फ बड़े बड़े उद्योगपति की सरकार अगर जल्द से जल्द इसको रोकने का कदम नहीं उठती है, तो झाविमो गरीबो की आवाज बन कर उठेगी। सरकार मृतक के आश्रितों को उचित मुआवजा और आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग की।