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बिहार शिक्षा विभाग में वाउचर घोटाला, एक क्लर्क की करतूत आई सामनें

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)।  क्या आपने कभी सोचा कि आपके बिहार शिक्षा विभाग के कार्यालयों में सरकारी धन का उपयोग कैसे हो रहा है? नालंदा जिले के शिक्षा विभाग में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जहां फर्जी वाउचरों के जरिए सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है।

क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक पटना प्रमंडल के कार्यालय से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय नालंदा में कार्यरत एक क्लर्क फणी मोहन को फर्जी वाउचर प्रस्तुत करने और भ्रामक जानकारी देने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

यह मामला तब सामने आया जब पटना की एक निवासी गायत्री देवी  ने सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम-2005 के तहत क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक पटना प्रमंडल से कुछ जानकारियां मांगीं।

उन्होंने तत्कालीन अधिकारियों और क्लर्क फणी मोहन द्वारा रिट, प्रतिशपथ-पत्र और LPA जैसे मामलों में फोटोकॉपी के लिए खर्च की गई राशि के विवरण मांगे। जवाब में कार्यालय ने 19 मई 2025 और 18 जुलाई 2025 को जानकारी उपलब्ध कराई, जिसमें तीन वाउचर संख्या 26/23-24, 27/23-24, और 29/23-24 बेनामी (बिना नाम के) पाए गए।

इन वाउचरों में क्रमशः 1200 रुपये (600 पृष्ठ फोटोकॉपी, 22 फरवरी 2023), 500 रुपये (250 पृष्ठ, 28 जनवरी 2023) और 130 रुपये (65 पृष्ठ, 16 दिसंबर 2022) के खर्च दर्ज थे। लेकिन जांच में पाया गया कि ये वाउचर उन मामलों से संबंधित नहीं थे, जिनके लिए इन्हें प्रस्तुत किया गया था।

फणी मोहन, जो अब नालंदा DEO कार्यालय में कार्यरत हैं, उनसे इन बेनामी वाउचरों पर स्पष्टीकरण मांगा गया। उनके जवाब में कहा गया कि ये वाउचर श्रीमती अर्पणा (प्रतिनियुक्त व्याख्याता, बी.एन.आर. ट्रेनिंग कॉलेज, गुलजारबाग) और रामवृच्छ संस्कृत प्राथमिक-सह-मध्य विद्यालय, एकंगरसराय से संबंधित जांचों के लिए फोटोकॉपी खर्च थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि दृष्टि चूक के कारण संबंधित फाइल का प्रभार नहीं लिया गया था, जिसे बाद में हस्तांतरित कर दिया गया।

लेकिन जांच में यह दावा खारिज हो गया। दस्तावेजों से पता चला कि उक्त जांच प्रतिवेदन 10 नवंबर 2022 और 15 दिसंबर 2022 को पहले ही संबंधित अधिकारियों को भेजे जा चुके थे, जबकि वाउचरों की तारीखें बाद की थीं।

मामला यहीं नहीं रुका। तेजस्वी फैन्स एसोसिएशन के सचिव ने 28 जुलाई 2025 को एक शिकायत दर्ज की, जिसमें फणी मोहन पर जालसाजी और सरकारी राशि के गबन का आरोप लगाया गया। इस शिकायत ने कार्यालय को और सतर्क कर दिया। फणी मोहन को फिर से जवाब देने का मौका दिया गया, लेकिन उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया।

क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, पटना प्रमंडल ने 3 सितंबर 2025 को फणी मोहन को बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 के तहत निलंबित कर दिया। उनका मुख्यालय DEO कार्यालय, पटना निर्धारित किया गया है और उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। विभागीय कार्यवाही जारी है और आरोप पत्र अलग से जारी होगा।

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