
रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। आगामी 9 से 11 अगस्त 2025 तक झारखंड की राजधानी रांची रंगों, लयों और परंपराओं के जीवंत समन्वय के साथ आदिवासी महोत्सव 2025 की मेजबानी करेगी। रीझ-रंग रसिका के नाम से आयोजित यह तीन दिवसीय महोत्सव झारखंड की आदिवासी अस्मिता, सांस्कृतिक गौरव और आधुनिकता के जीवंत मिश्रण को प्रदर्शित करेगा।
यह उत्सव न केवल परंपराओं का उत्सव है, बल्कि ड्रोन शो, लेजर प्रदर्शन और पहली बार आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन जैसे नवाचारों के साथ आधुनिकता का भी प्रतीक है।
इस महोत्सव का मुख्य मंच रांची में आदिवासी कला के प्रतीकों से सजा होगा, जो आगंतुकों को झारखंड की विरासत में डूबने का अवसर देगा। आयोजन स्थल तक जाने वाले रास्तों को आदिवासी संस्कृति की झलकियों से सजाया जाएगा, जिससे हर कदम पर आपको इस राज्य की जीवंत परंपराओं का अनुभव होगा।
महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण होगा 32 जनजातीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रीझ-रंग रसिका, जो झारखंड की आदिवासी कला और संस्कृति को भव्य झांकियों के माध्यम से प्रदर्शित करेगा। ये प्रदर्शन शहर के प्रमुख चौराहों से होते हुए मुख्य मंच तक पहुंचेंगे।
इस वर्ष का महोत्सव कई अनूठे तत्वों से सजा होगा। पहली बार एक कवि सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें कुमार विश्वास, संपत सरल और अन्य राष्ट्रीय व क्षेत्रीय कवि अपनी रचनाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
आधुनिक तकनीक के प्रेमियों के लिए ड्रोन शो और लेजर प्रदर्शन एक अनूठा अनुभव प्रदान करेंगे। फिल्म फेस्टिवल में झारखंड के स्थानीय फिल्म निर्माताओं की कृतियों का प्रदर्शन होगा, जो क्षेत्रीय प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा। रांची और अन्य जिलों में बनाए गए सेल्फी पॉइंट युवाओं और पर्यटकों को आकर्षित करेंगे, जबकि झारखंडी व्यंजन स्टॉल स्थानीय स्वादों का आनंद देंगे।
महोत्सव की सफलता के लिए रांची के प्रोजेक्ट भवन के मुख्य सचिव सभागार में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव अलका तिवारी ने की। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के विशेष सचिव राजीव लोचन बख्शी ने तैयारियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। सुरक्षा, पार्किंग और खाद्य वितरण की व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान दिया गया। एक मीडिया सेंटर की स्थापना और आदिवासी परिधान शो जैसे नवाचारों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बैठक में कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी, रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, पुलिस उपमहानिरीक्षक चंदन कुमार सिन्हा और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को समय पर कार्य पूर्ण करने और समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए।
दरअसल आदिवासी महोत्सव 2025 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा का उत्सव है। यह आदिवासी समुदायों की गौरवशाली परंपराओं को आधुनिक मंच पर प्रस्तुत करता है, जो स्थानीय लोगों में गर्व और वैश्विक दर्शकों में जिज्ञासा जगाता है।