पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बिहार कैबिनेट की बैठक में 26 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगाई गई है। इस बैठक में उद्योग विभाग के 9 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिसमें बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) सबसे प्रमुख रहा।
इस पैकेज का उद्देश्य बिहार में निवेश को बढ़ावा देना, युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और राज्य को औद्योगिक विकास के पथ पर अग्रसर करना है। मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को गांधी मैदान में घोषणा की थी कि अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इस दिशा में यह पैकेज एक महत्वपूर्ण कदम है।
बिहार सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बड़े फैसले लिए हैं। नए औद्योगिक पैकेज 2025 के तहत कई प्रावधान किए गए हैं। 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली और 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक निःशुल्क भूमि आवंटित की जाएगी। 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली इकाइयों को 25 एकड़ तक निःशुल्क भूमि प्रदान की जाएगी। फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भी 10 एकड़ तक निःशुल्क भूमि दी जाएगी।
इन लाभों का उपयोग करने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 से पहले आवेदन करना अनिवार्य होगा। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि तीन प्रकार के निवेशकों को भूमि आवंटन का निर्णय लिया गया है। यह भूमि मात्र एक रुपये के टोकन मूल्य पर दी जाएगी।
बिहार में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए कई क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दी गई है।
भोजपुर (आरा, तरारी): 249.48 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 52 करोड़ 62 लाख 22,900 रुपये की स्वीकृति।
शेखपुरा: 250.06 एकड़ भूमि के लिए 42 करोड़ 16 लाख 30,233 रुपये की स्वीकृति।
दरभंगा (बहादुरपुर): 385.45 एकड़ भूमि के लिए 376 करोड़ 7 लाख 79,329 रुपये की स्वीकृति।
पूर्णिया (पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के समीप): 279.65 एकड़ भूमि के लिए 66 करोड़ 91 लाख 91,318 रुपये की स्वीकृति।
पटना (फतुहा): लॉजिस्टिक पार्क के लिए 242 एकड़ भूमि के लिए 408 करोड़ 81 लाख 30,503 रुपये की स्वीकृति।
इसके अतिरिक्त बिहार जल विद्युत निगम के अंतर्गत 12 निर्माण मशीन परियोजनाओं के लिए 166.81 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। BIPPP-2025 के तहत कई आकर्षक प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गई हैं।
ब्याज सब्सिडी: नई औद्योगिक इकाइयों को 40 करोड़ रुपये तक की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
SGST प्रतिपूर्ति: स्वीकृत परियोजना लागत का 300% तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों तक की जाएगी।
पूंजीगत सब्सिडी: 30% तक पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी।
निर्यात प्रोत्साहन: निर्यात प्रोत्साहन की सीमा को बढ़ाकर 40 लाख रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है, जो 14 वर्षों तक लागू रहेगी।
अन्य प्रोत्साहन: कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी और भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग, पेटेंट पंजीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए सहायता।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि कौशल विकास प्रोत्साहन के तहत प्रति कर्मी 20,000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने वाली इकाइयों को 6 लाख रुपये तक का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
बिहार सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को और गति देने के लिए 32 औद्योगिक पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए अब तक 8,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है और अतिरिक्त 14,600 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह विजन बिहार को औद्योगिक हब बनाने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस पैकेज के तहत न केवल बड़े निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। बिहार में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के इस प्रयास से राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूती मिलेगी।









