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फिर पेंडुलम की तरह डोले जीतन राम मांझी, महागठबंधन से अलग हुआ हम

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बिहार की राजनीति में जहां लोजपा नेता रामविलास पासवान मौसम वैज्ञानी माने जाते हैं, वहीं हाल के वर्षों में हम नेता जीतनराम मांझी पेंडुलम बनकर उभरे हैं। न कोई नीति और न कोई सिद्धांत। बस जिधर अवसर दिखा, भाव मिला, उधर हो गए

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क।  खबर है कि पुरीव सीएम जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया है। यह निर्णय आज गुरुवार को पार्टी की कोर कमिटी की बैठक लिया गया है।

चर्चा है कि महागठबंधन से अलग होने के बाद जीतन राम मांझी फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

हम प्रवक्ता दानिश रिजवान की मानें तो महागठबंधन में निरंतर उपेक्षा और समन्वय समिति की गठन करने की बात नहीं माने जाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।

रिजवान का कहना है कि किसी अन्य गठबंधन में जाने के संबंध में अगले दो-तीन दिनों में ही निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं किया गया है कि आखिर मांझी कहां जाऐंगे।

चर्चा है कि मांझी फिर से एनडीए में लौट सकते हैं। उनकी जेडीयू के नेताओं से इस मामले में बातचीत भी हो चुकी है।

क्योंकि हाल के दिनों में जदयू को लेकर लोजपा के तेवर गर्म है और जदयू उस कमी को मांझी की पतवार से पूरा करने की फिराक में है।

हालांकि महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी की पार्टी का जेडीयू में विलय होगा या फिर अपनी शर्तों पर एनडीए में शामिल, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। फिलहाल हम नेतृत्व ने सीट शेयरिंग की बात कर रहा है।

कहा यह भी जा रहा है कि हम ने 16 विधानसभा सीटों पर पार्टी ने पूरी तैयारी रखी है। वह पार्टी जेडीयू से इतनी ही सीटों की मांग कर सकता है।

हम ने अधिकतर मगध प्रमंडल के सीटों पर ही अपनी दावेदारी की है और कोसी-पूर्णिया क्षेत्र के कुछ सीटों को अपना प्रभाव क्षेत्र में मान रहा है।

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