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द ब्लड मून: झारखंड के ऊपर दिखा एक अद्भुत खगोलीय नजारा

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बीती 7 सितंबर 2025 रविवार की रात झारखंड की राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में लोगों ने आसमान में एक अद्वितीय खगोलीय घटना का गवाह बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। रात करीब 9:59 बजे से शुरू हुआ चंद्र ग्रहण अपने चरम पर पहुंचते ही एक लाल रंग के ‘ब्लड मून’ में तब्दील हो गया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान चांद धीरे-धीरे पृथ्वी की छाया में समा गया और रात 10:30 बजे के बाद इसका सबसे मनमोहक दृश्य देखने को मिला।

चंद्र ग्रहण की शुरुआत में चमकता हुआ गोल चांद धीरे-धीरे धुंधला होने लगा। जैसे-जैसे पृथ्वी की छाया ने चांद को अपनी आगोश में लिया, यह एक गहरे लाल रंग में रंग गया, जिसे खगोल विज्ञान में ‘ब्लड मून’ के नाम से जाना जाता है। यह नजारा झारखंड में कई वर्षों बाद देखने को मिला, जिसने न केवल आम लोगों बल्कि खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों को भी उत्साहित किया। रांची में साफ मौसम ने इस खगोलीय घटना को और भी स्पष्ट और आकर्षक बना दिया।

लोगों ने अपने घरों की छतों पर परिवार के साथ इस अनुपम दृश्य का आनंद लिया। कई लोगों ने अपने कैमरे और मोबाइल फोन्स से इस खूबसूरत पल को कैद किया, जबकि खगोल प्रेमी युवाओं ने टेलीस्कोप की मदद से चांद के इस अनोखे रूप को और करीब से निहारा।

यह चंद्र ग्रहण वर्ष 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण था, जिसने इसे और भी खास बना दिया। खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, ब्लड मून तब होता है, जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर चांद तक पहुंचता है और वायुमंडल लाल रंग को छानकर चांद को रक्तिम आभा प्रदान करता है। इस घटना ने न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व था। परंपराओं के अनुरूप ग्रहण के दौरान धार्मिक गतिविधियां स्थगित कर दी गई थीं। सूतक काल दोपहर से शुरू होने के कारण रांची और पूरे झारखंड में मंदिरों के पट दोपहर से ही बंद हो गए थे। ग्रहण समाप्त होने के बाद रात में लोग स्नान कर पूजा-अर्चना की तैयारियों में जुट गए। कई लोगों ने इस अवसर पर विशेष पूजा और दान-पुण्य किए, जिसे शास्त्रों में शुभ माना जाता है।

राजधानी रांची के विभिन्न इलाकों से लोगों ने इस खगोलीय घटना को देखने के लिए उत्साह दिखाया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस दुर्लभ नजारे का आनंद लिया। सोशल मीडिया पर भी ब्लड मून की तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल हुए, जहां लोग अपने अनुभव साझा करते नजर आए। खगोल विज्ञान क्लबों और संगठनों ने भी इस अवसर पर विशेष आयोजन किए, जहां लोगों को चंद्र ग्रहण के वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई।

यह चंद्र ग्रहण न केवल एक खगोलीय घटना थी, बल्कि यह झारखंड के लोगों के लिए एक यादगार अनुभव भी बन गया। प्रकृति के इस अनोखे खेल ने सभी को एक बार फिर ब्रह्मांड की विशालता और सुंदरता का अहसास कराया। रांची के साफ आसमान ने इस दृश्य को और भी खास बना दिया, जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।

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