नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। उत्तर प्रदेश के जिला महिला कारागार अलीगढ़ में बंदी नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड की महिला को उसके परिवार तक पहुंचाने के लिए दो जज द्वारा शुरू की गयी मानवीय पहल के रंग का ही कमाल है कि जिस माता-पिता और नाते-रिश्तेदार ने पुष्पलता को मृत मान कर श्राद्ध कर दिया था, अब वे पुनः उसकी मुस्कान को देख सकेंगे।
वेशक, फिल्मों की पटकथा काल्पनिक होती है। लेकिन वे हमारी समाज और व्यवस्था में सच भी घटित होते हैं। नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड के अस्ता खरजम्मा गांव निवासी दुर्गेश प्रसाद सिंह की लाडली पुष्पलता के साथ कुछ वैसा ही हुआ है।
जब नालंदा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव जज आदित्य पान्डे के आदेश पर यूपी के अलीगढ़ जिला महिला कारागार में बंद पुष्पता की सूचना लेकर पीएलभी मो. अकील आलम के द्वारा परिजनों को दी तो समूचे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
उसके माता-पिता को भी एकपलक विश्वास नहीं हुआ कि जिस बेटी को मृत मान कर वह श्राद्धकर्म तक कर चुकी है, वह जीवित है और उससे मिलना तय है।
बकौल पिता दुर्गेश कुमार सिंह, उनकी बेटी अचानक लापता हो गई थी। उसके बाद सबने उसकी हर तरफ काफी खोजबीन की। जब बहुत दिनों तक कहीं कोई पता नहीं चला तो सबने उसे मृत मान ली।
लेकिन अब श्री सिंह को विश्वास है कि जल्द ही उनकी लाडली निर्धारित प्रक्रिया के तहत मुक्त होकर अपने पिता के पास आ सकेगी। जोकि पुष्पलता जुलाई 2019 से ही जिला कारागार अलीगढ़ में बंद है।
दरअसल, यूपी के अलीगढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालीन सचिव दीपक कुमार मिश्र ने किशोर न्याय परिषद नालंदा के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा से संपर्क कर उक्त महिला द्वारा बताये गये पता को उपलब्ध कराया था।
जज मिश्र को जेजेबी नालंदा के जज मानवेन्द्र मिश्रा के कई मानवीय व चर्चित फैसलों की जानकारी थी। अतएव उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जज मिश्रा का फोन नम्बर उपलब्ध कर संपर्क किया और सहयोग मांगा ताकि महिला अपने घरवालों के पास पहुंच सके।
पुष्पलता ने अपना पता थरथरी प्रखंड के अस्ता खरजमा निवासी दुर्गेश प्रसाद की पुत्री के रूप में दी थी। जज मिश्रा ने अपने सोर्स के माध्यम से पता का सत्यापन किया। जिसमें महिला द्वारा बताया गया पता सही निकला।
उन्होंने प्राधिकार के सचिव जज मिश्र से प्रार्थना पत्र लिखकर कहा कि उसके परिवार का कोई भी कभी मिलने नहीं आया। आधार कार्ड खो गया है। उसने पति व माता-पिता से मिलवाने की गुहार लगायी।
महिला की गुहार के बाद जज मिश्र ने जेजेबी नालन्दा के जज मिश्रा में संपर्क कर घर वालों तक पहुंचाने की मुहिम शुरू की।
पुष्पलता ने जज को बताया कि उसकी मानसिक स्थिति पूर्व में खराब थी। इलाज पहले भी चला था लेकिन कैसे और किन परिस्थिति में वह जेल पहुंच गयी उसे याद नहीं है।
उसने यह भी बताया कि अब उसकी मानसिक स्थिति ठीक है। उसने ससुराल का पता झारखंड के लातेहार जिला के गारू निवासी रविरंजन कुमार की पत्नी के रूप में बताया। जबकि मायके का पता नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड का दिया।
जब पुष्पलता को जेल लाया गई थी, तब आठ माह की गर्भवती थी। उसकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं थी। मानसिक चिकित्सालय वाराणसी में पुष्पलता का इलाज कराया गया।
इलाज के बाद अक्टूबर 2020 को वह पुन: जेल लौटी। पुष्पलता को एक पुत्र पैदा हुआ है। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए बच्चे को शिशु सदन आगरा में रखा गया है। लेकिन अब तय है कि जल्द ही वह अपनी माता के साथ नालंदा की धरती चुमेगा।