रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। अरबों रुपए के जमीन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार रांची के पूर्व डीसी व समाज कल्याण निदेशक छवि रंजन निलंबित कर दिए गए हैं। इस बाबत कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग द्वारा शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी है। 4 मई को ईडी के अधिकारियों ने लंबी पूछताछ के बाद रात 10 बजे छवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया था।
रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को PMLA की विशेष अदालत ने ईडी को छह दिनों की रिमांड दी है। रिमांड की अवधि 7 मई से 12 मई तक रहेगी। इस दौरान ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ करेंगे। 12 मई फिर उन्हें विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। ईडी के अधिकारियों ने विशेष अदालत से जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड की मांग की थी, लेकिन विशेष अदालत ने 6 दिनों की रिमांड दी है।
जमीन घोटाले में समन जारी होने के बाद पहली बार 24 अप्रैल को छवि रंजन ईडी ऑफिस में हाजिर हुए थे। तीसरे समन जारी होने पर वे ईडी ऑफिस में उपस्थित हुए थे।
इसके बाद रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को 4 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां करीब 10 घंटे तक पूछताछ की गयी थी। इसके बाद रात करीब 10 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उनकी मेडिकल जांच की गयी थी, जिसमें उनका स्वास्थ्य सामान्य पाया गया था।
इसके बाद उन्हें एक दिन के लिए जेल भेज दिया गया था। इस दौरान ईडी ने 10 दिनों की रिमांड मांगी थी। अगले दिन विशेष अदालत ने ईडी को 6 दिनों की रिमांड दी। ईडी के अधिकारी 7 मई से पूछताछ शुरू करेंगे और 12 मई को पूछताछ के बाद विशेष अदालत में पेश करेंगे।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने विशेष अदालत को बताया कि बड़गाईं मौजा की जमीन का म्यूटेशन करने के लिए छवि रंजन को एक करोड़ रुपये दिये गये थे। दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री की साजिश तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन के कार्यालय में रची गयी थी। इसमें प्रेम प्रकाश और कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल शामिल थे।
डीसी रहते दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री करने के मामले में 2011 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी छवि रंजन को कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत पूछताछ जरूरी है। प्रारंभिक पूछताछ में छवि रंजन ने जांच में पूरी तरह सहयोग नहीं किया है। अब रिमांड के दौरान ईडी के अफसर उनसे पूछताछ करेंगे।
व्यापारी विष्णु अग्रवाल ने छवि रंजन की गोवा यात्रा का खर्च उठाया था। जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री में राजस्व अधिकारी, नौकरशाह और राजनेता शामिल हैं। ईडी की विशेष अदालत को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने ये जानकारी दी।
छवि रंजन को पीएमएलए कोर्ट में पेश करते हुए ईडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर सेना के कब्जेवाली, चेशायर होम रोड और बजरा मौजा की जमीन की खरीद-बिक्री की जानकारी दी। इसमें यह बताया गया कि सेना के कब्जेवाली जमीन का म्यूटेशन करने के लिए प्रेम प्रकाश के माध्यम से छवि रंजन को एक करोड़ रुपये दिये गये।
इसके अलावा अंचल कार्यालय के लोगों को दो से ढाई लाख रुपये दिये गये। इन्होंने पद का दुरुपयोग किया और साजिश का हिस्सा बने व इन्हें मदद पहुंचायी।
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