नालंदा(संवाददाता)। महाभारत कालीन मगध साम्राज्य की राजधानी राजगीर भगवान बुद्ध, तीर्थंकर महावीर, मुस्लिमों के महान साधक औलिया-ए-मखदुल्मक शेख शरफुर्दीन, याहिया मनेरी जैसे साधको का प्रिय स्थान रहा है राजगीर। राजगीर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विश्व विख्यात है। रोजाना हजारों देसी विदेशी पर्यटक आते हैं। लेकिन आज यह स्थल अव्यवस्था का शिकार है।
राज्य सरकार और पर्यटन विभाग हर साल महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा तो पूरे जोर शोर से करता है, लेकिन हकीकत में स्थितियाँ बदलती नहीं दिखती। अब राजगीर में अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है । आए दिन राजगीर में अपराधियों की धमक सुनाई पड़ती है ।राजगीर में पर्यटकों के साथ लूटपाट की घटना घट रही है ।
नालंदा के राजगीर के एक पहाड़ पर महिला की हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि वैभावगिरी पर्वत पर स्थित जैन मंदिर में स्थापित जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्व नाथ की प्राचीन मूर्ति को अराजक तत्वों ने खंडित कर डाला । मंदिर की मूर्ति को चुराने का प्रयास किया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगने पर चोरो ने पार्श्व नाथ की विशाल प्रतिमा को तोड़ कर फेंक डाला। हालांकि पुलिस ने खंडित पाषाण प्रतिमा को अपने कब्जे में कर लिया है।
इधर जैन श्वेतांबर धर्मशाला के मैनेजर ने राजगीर थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। राजगीर थानाध्यक्ष उदयशंकर ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है ।
राजगीर के पहाड़ों पर अराजक तत्वों का यह हल्ला बोल पहले भी होता रहा है ।पहाड़ों पर घूमने वाले पर्यटक भी इनके शिकार होते रहे हैं। कहने को तो राजगीर में पांच पहाड़ है, लेकिन पर्यटकों के लिए सुरक्षा का इंतजाम एक पर भी नहीं है।
जब कोई घटना घट जाती है तब पुलिस हरकत में आती है। ऐसी ही एक घटना कुछ दिन पहले हुई थी जब अपराधियों ने एक महिला की हत्या कर दी थी। तब पुलिस कप्तान के निर्देश पर पहाड़ पर कांबिग ऑपरेशन चलाया गया था ।