“एएनएम की बहाली बिहार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) कैडर नियमावली 2018 के नियम 7 के तहत ही होगी…
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार राज्य में 10,709 पदों पर एएनएम की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। पटना हाईकोर्ट ने एएनएम की बहाली अंकों के आधार पर करने के एकलपीठ के फैसले में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने गत 18 अप्रैल को सभी ने मामलों पर एक साथ सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था।
गौरतलब है कि गत एक मार्च को हाईकोर्ट के एकलपीठ ने अंकों के आधार पर एएनएम की बहाली करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने 69 पन्ने के आदेश में बिहार तकनीकी सेवा आयोग के 19 सितंबर, 2023 के नोटिस को निरस्त कर दिया था।
कोर्ट का कहना था कि एएनएम की बहाली बिहार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) कैडर नियमावली 2018 के नियम 7 के तहत ही होगी।
लिखित परीक्षा कराने का दिया था निर्देश: एएनएम की बहाली के लिए पूर्व में दिये गये हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में एएनएम के 10,709 पदों पर बहाली का सरकार ने विज्ञापन संख्या 07/2022 प्रकाशित किया था। इसके बाद चयन प्रक्रिया एएनएम नियमावली 2018 के आधार पर शुरू की गई।
इसी बीच राज्य सरकार ने नियमावली में संशोधन कर लिखित परीक्षा के आधार पर बहाली करने का नोटिस जारी किया। इस नोटिस की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने सभी मामलों पर एक साथ सुनवाई की।
बिहार तकनीकी सेवा आयोग को मिली थी परीक्षा की जिम्मेवारीः याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार द्वारा एएनएम की इस बहाली के लिए अंकों का निर्धारण किया गया था। इसके तहत एएनएम कोर्स परीक्षा के लिए 60 अंक, हायर कोर्स के लिए 15 अंक और राज्य के सरकारी अस्पताल में कार्य करने के एवज में प्रत्येक वर्ष के लिए 5 अंक (अधिकतम 25 अंक) निर्धारित किया गया था।
मगर राज्य सरकार ने इस बहाली नियम को बहाली के बीच में ही संशोधित कर दिया। इसके अनुसार प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 60 अंक, हायर कोर्स के लिए 15 अंक और राज्य के सरकारी अस्पताल में कार्य करने के अनुभव पर प्रत्येक वर्ष के लिए 5 अंक (अधिकतम 25 अंक) निर्धारित किए गए। लिखित परीक्षा कराने की जिम्मेवारी बिहार तकनीकी सेवा आयोग को दी गई।
बिहार सरकार की अपील कोर्ट में खारिजः एकलपीठ ने आदेश में कहा कि एएनएम की बहाली पुरानी नियमावली 2018 के नियम 7 के तहत ही होगी और पुराने नियम के तहत अंकों के आधार पर अंतिम मेधा सूची तैयार करने का आदेश दिया।
एकलपीठ के इस फैसले को अपील दायर कर राज्य सरकार ने चुनौती दी थी। राज्य सरकार का कहना था कि सरकार को बहाली नियम में संशोधन करने का अधिकार है। वहीं एएनएम उम्मीदवारों के वकील का कहना था कि बहाली प्रक्रिया के बीच में संशोधन नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने सरकार की ओर से दी गई दलील को नामंजूर करते हुए अपील को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद पुराने नियम के तहत ही एनएनएम के 10,709 पदों पर बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
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