रांची (इंद्रदेव लाल)। सेंटर फॉर आरटीआई के अध्यक्ष पंकज कुमार यादव ने डीजीपी को पत्र लिखकर फर्जी व्यक्ति दुर्गा उराव द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर पर सवाल खड़े किए हैं तथा इस पर जांच की मांग की है।
पंकज यादव ने मीडिया को बताया है कि खेल घोटाला में मुझे गवाही और सबूत उपलब्ध कराने से रोकने के लिए एक फर्जी व्यक्ति द्वारा आनन् फानन में एक बड़े पुलिस ऑफिसर की मदद से मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज कराया गया है।
पंकज ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं ,सुदना ,मेदिनीनगर पलामू का निवासी हूँ वर्तमान में रांची में रहता हूँ । मैं एक सोशल एक्टिविस्ट हूँ। मेरी जनहित याचिका व आवेदन पर सीबीआई ,एसीबी, एसआईटी जाँच कर रही है। राष्ट्रीय खेल घोटाले मामले की जाँच मेरी जनहित याचिका( 1580/2019) पर सीबीआई कर रही है तथा इस मामले में क्लोज़र रिपोर्ट जमा करने वाली थी। जिसका विरोध मैंने किया है। जिसकी अगली सुनवाई 16 अप्रैल को है।
पंकज ने आगे लिखा है कि राष्ट्रीय खेल घोटाला जाँच के जारी रहने से एक बड़े पुलिस अधिकारी समेत कई बड़े राज नेता व अधिकारी इस मामले में फंस सकते हैं। चूकि मैं सीबीआई का गवाह हूँ, इसलिए मुझे फ़र्ज़ी केस में फ़साने के लिए एक फ़र्ज़ी व्यक्ति, जिसका नाम दुर्गा उरांव है, के द्वारा मेरे ऊपर बरियातू थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है। ताकि मैं 16 अप्रैल को गवाही के लिए सबूत के साथ सीबीआई कोर्ट नहीं पहुंच सकूँ।
पंकज ने लिखा है कि सीबीआई जाँच के आदेश होते ही मुझे एक आरोपी द्वारा फर्जी केस में फ़साने की धमकी 2022 में ही दी गयी थी जिसकी जानकारी मैंने माननीय उच्च न्यालय को दे दी थी।
पंकज ने आगे लिखा है कि मेरे और मेरे परिवार को जान माल का खतरे का उल्लेख पुलिस की आंतरिक रिपोर्ट में भी है। पुलिस की आंतरिक जाँच में मेरे व मेरे परिवार की सुरक्षा की अनुशंसा पलामू आईजी भी कर चुके हैं। जिस व्यक्ति के द्वारा मेरे ऊपर आनन फानन में FIR दर्ज कराया गया है, उस व्यक्ति का असल नाम दुर्गा मुंडा है, जो छंद नाम दुर्गा उरांव से आरटीआई लगाता है, ठेकदारी करता है तथा पैसा लेकर किसी के खिलाफ भी कुछ भी शिकायत कर देता है।
पंकज के अनुसार अचंभित करने वाली बात यह है कि इस फर्जी व्यक्ति को रांची पुलिस द्वारा अत्याधुनिक हथियार युक्त बॉडीगार्ड भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिसका उपयोग यह लोगों को डराने धमकाने व उगाही में करता है। यह व्यक्ति अशिक्षित है और सिस्टम व समाज के लिए खतरा है। मैं जल्द ही इस मामले की न्यायिक जाँच की मांग माननीय उच्च न्यालय तथा सीबीआई कोर्ट से करने वाला हूँ।
पंकज ने पुलिस महानिदेशक से निवेदन किया है कि मेरे ऊपर फ़र्ज़ी व्यक्ति द्वारा दिए आवेदन पर दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई से पहले विधिवत जाँच कराने की कृपा करें। बगैर जांच पड़ताल के FIR दर्ज कर लेना, थाना के पदाधिकारी ने किसके दबाव में यह FIR किया है, यह भी जांच का विषय है।
पंकज यादव ने दुर्गा उरांव के सभी गैरकानूनी कार्यों की जानकारी जांच के दौरान उपलब्ध कराने की बात कही है। पंकज यादव ने इसकी प्रति मुख्यमंत्री ,गृह सचिव और रांची एसएसपी को भी भेजी है।
बता दें कि उधर, झारखंड अंगेस्ट क्रप्शन के संस्थापक अध्यक्ष दुर्गा मुण्डा उर्फ दुर्गा उराँव ने पंकज यादव उर्फ पंकज कुमार यादव पर जालसाजी करने की प्रथमिकी दर्ज करवाई है।
दुर्गा उरांव ने बताया है कि उनकी संस्था के फर्जी लेटर पैड पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झारखंड को एक पत्र भेजा गया। लेकिन उक्त पत्र पर अपूर्ण पता होने की वजह से वह वापस उनके घर के पते पर आ गया।
जब उक्त पत्र को दुर्गा उरांव ने देखा तो उन्हें संदेह हुआ। क्योंकि उन्होंने ऐसा कोई पत्र अपने नाम से भेजा ही नहीं था। जब उसे खोला तो पाया कि पुलिस पदाधिकारियों के स्थानांतरण के संबंध में उसमें जानकारी दी गई है।
दुर्गा उरांव की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बताया गया है कि उनकी संस्था का तीन वर्ष पूर्व नया लेटर हेड तैयार किया गया था, जिसमें रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल नंबर कुछ और दर्ज है। यह भी बताया गया है कि संस्था में आठ वर्ष पहले पंकज यादव कार्यरत थे।
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