“विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो कोर्ट, गया) सैयद कैसर शरफुद्दीन के अनुसार मामला गंभीर और संज्ञेय है। बिना वारंट के भी आरोपी को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोपी के खिलाफ बलात्कार पीड़िता का बयान मजबूत सबूत है…
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क)। गया के पूर्व डीएसपी और वर्तमान में कांस्टेबल केंद्रीय चयन बोर्ड में ओएसडी कमलाकांत प्रसाद की मुश्किलें कम नहीं हो रही है।
चार साल पहले एक नाबालिग से कथित रेप के मामले में उन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। यह प्राथमिकी पिछले महीने की 27 मई को ही दर्ज की गई है।
इस प्राथमिकी में सबसे बड़ी भूमिका उनकी पत्नी की बताई जा रही है। वह रेप पीड़िता के भाई के साथ गया महिला थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया है। पीड़ित के भाई के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया है।
कमला प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धाराओं, पाक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस शिकायत के आधार पर सीआईडी (कमजोर वर्ग) के एडीजी अनिल किशोर यादव ने जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार मामला 2017 का है। तत्कालीन डीएसपी कमलाकांत प्रसाद ने नौकरानी के तौर काम करने के लिए अपने पटना स्थित घर भेजने से पहले पीड़ित लड़की को एक रात के लिए गया स्थित अपने घर पर रखा था। उस समय उनकी पत्नी पटना में रहती थी।
इस मामले में विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो कोर्ट, गया) सैयद कैसर शरफुद्दीन ने कहा कि मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज किया गया है।
सैयद कैसर शरफुद्दीन ने कहा कि मामला गंभीर और संज्ञेय है। बिना वारंट के भी आरोपी को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोपी के खिलाफ बलात्कार पीड़िता का बयान मजबूत सबूत है।
गया स्थित महिला पुलिस थाने की एसएचओ रवि रंजना ने कहा कि रेप पीड़िता के भाई की ओर से लिखित शिकायत के बाद शिकायत दर्ज की गई थी क्योंकि वह 2017 में नाबालिग थी।
गया के एसएसपी आदित्य कुमार ने बताया कि मामला 2017 का है। दशहरा के दौरान कमलाकांत प्रसाद के आवास पर घरेलू काम करने के लिए लड़की गई थी।
आरोप है कि उसी रात में उसके साथ डीएसपी ने अश्लील हरकत की। इसकी रिकार्डिंग डीएसपी की पत्नी ने अपने मोबाइल में कर ली थी। इसके बाद उन्होंने कमजोर वर्ग के अधिकारी से पटना में इसकी शिकायत की।
पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आरोपित की पत्नी ने पहल की। साक्ष्य कमजोर वर्ग मामले के विभाग को सौंपा गया। उसके बाद पीडि़ता को न्याय दिलाने के लिए न्यायालय से आग्रह किया गया।
विभाग ने गया एसएसपी को निदेशित किया गया कि इसकी प्राथमिकी दर्ज की जाए। इसके खिलाफ गया के महिला थाना ने में 27 मई को यह मामला दर्ज किया गया है।