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      शिक्षिका की शिकायत पर DPO पर 41 हजार का जुर्माना, वेतन भी बंद

      पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बेगूसराय जिला अपीलीय प्राधिकार के पीठासीन पदाधिकारी मिलिंद कुमार सिंहा के समक्ष जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) खुशबू को 41 हजार रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ा है। यह जुर्माना दो अलग-अलग अपीलीय वादों में लगाया गया है। जहां डीपीओ ने न्यायालय के समक्ष समय पर अपना पक्ष नहीं रखा और लंबे समय तक शिक्षिका के वेतन विवाद का निपटारा नहीं किया।

      मध्य विद्यालय कटरमाला की प्रखंड शिक्षिका रानी कुमारी ने 22 मार्च 2022 को पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपना वेतन विवाद जिला अपीलीय प्राधिकार के समक्ष रखा था। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि शिक्षिका के वेतन भुगतान का मामला तीन महीने के अंदर सुलझाया जाए। लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी डीपीओ ने कोई उत्तर नहीं दिया और न ही शिक्षिका का वेतन जारी किया। इस लापरवाही के कारण 11 मार्च को प्राधिकार ने डीपीओ पर 20 हजार रुपये का जुर्माना ठोका।

      दूसरा मामला प्राथमिक विद्यालय अमरसा टोला कटरमाला के पंचायत शिक्षिक राजीव कुमार का है। उन्होंने भी 22 मार्च 2022 को हाईकोर्ट के आदेश पर अपने वेतन विवाद का वाद प्राधिकार के समक्ष दायर किया था। जिसका निपटारा भी तीन महीने में होना था। लेकिन डीपीओ ने इस मामले में भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस कारण 11 मार्च को प्राधिकार ने उन पर 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

      दोनों मामलों में जिला अपीलीय प्राधिकार ने डीपीओ को कई बार नोटिस और शो-कॉज जारी किया। लेकिन डीपीओ ने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप, प्राधिकार ने डीपीओ पर कुल 41 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जिसे उन्हें व्यक्तिगत रूप से देना होगा।

      इसके अलावा प्राधिकार ने जुर्माना वसूले जाने तक डीपीओ के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश भी दिया है। साथ ही शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह संयुक्त सचिव से डीपीओ पर आवश्यक विभागीय कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है।

      यह घटना शिक्षा विभाग के भीतर अनुशासनहीनता और देरी से निपटने के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह साबित करती है कि न्यायिक संस्थाओं की उपेक्षा या निर्देशों की अवहेलना का परिणाम गंभीर हो सकता है। शिक्षिकों के वेतन विवाद का निपटारा अंततः न्याय के पक्ष में हुआ और यह घटना भविष्य में समय पर न्याय देने और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक मिसाल बनेगी।

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