नयी दिल्ली (INR). देश में अब राजद्रोह का केस दर्ज नहीं होगा। अंग्रेजों के जमाने के पुराने राज द्रोह कानून को लेकर बुधवार को सर्वोच्च अदालत में हो रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के नये केस दर्ज करने पर फिलहाल रोक लगा दी है।
सर्वोच्च अदालत में इस मामले पर अब 3 जुलाई को अगली सुनवाई की जाएगी। बता दें, बीते दिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह मामले पर सुनवाई हुई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर पुनर्विचार करने के लिए केंद्र सरकार को एक दिन का और वक्त दे दिया था।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से पूछा था कि, लंबित मामलों और भविष्य के मामलों पर सरकार कैसे गौर करेगी। आज इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। केंद्र सरकार कोर्ट को जवाब दे रही है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि राजद्रोह के संबंध में औपनिवेशिक युग के कानून पर किसी उपयुक्त मंच द्वारा पुनर्विचार किये जाने तक नागरिकों के हितों की सुरक्षा के मुद्दे पर वह अपने विचारों से अवगत कराये।
शीर्ष अदालत ने इस बात पर सहमति जतायी कि इस प्रावधान पर पुनर्विचार केंद्र सरकार पर छोड़ दिया जाये।
हालांकि, कोर्ट ने प्रावधान के लगातार दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की। साथ ही सुझाव भी दिया कि दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये जा सकते हैं या कानून पर पुनर्विचार की कवायद पूरी होने तक इसे स्थगित रखने का फैसला किया जा सकता है।
दरअसल, कोर्ट को यह तय करना था कि राजद्रोह कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई तीन या पांच न्यायाधीशों की पीठ को करनी चाहिए।
सर्वोच्च अदालत ने सरकार के नये रुख पर गौर किया कि वह इसकी फिर से जांच और पुनर्विचार करना चाहती है।