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चतरा के एक गाँव में एक ही स्थान पर 100 से अधिक विषहीन साँपों की हत्या

“इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। हर कोई इन सांपों को देखने के लिए पहुंच रहा है। इतनी बड़ी संख्या में कभी भी यहां सांपों की मौत नहीं हुई थी। यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में एक साथ सांपों की मौत हुई है….

चतरा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड के डाटम गांव के समीप एक स्थान पर 100 से अधिक सांप मृत मिले हैं। सभी मृत सांप विष रहित प्रजाति के हैं।

इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। हर कोई इन सांपों को देखने के लिए पहुंच रहा है। इतनी बड़ी संख्या में कभी भी यहां सांपों की मौत नहीं हुई थी। यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में एक साथ सांपों की मौत हुई है।

पिपरहिया आहर में केमिकल डालने की आशंकाः बताया जा रहा है कि गांव के नजदीक पिपरहिया आहर है। आहर में मछली डाली गई है। मछली को मारने के लिए आहर के पानी को केमिकल डाल कर विषाक्त कर दिया गया।

उसके बाद मछली मारने के लिए आहर में जाल लगाया गया। उसी जाल में मछली के साथ सांप भी फंस गए। सभी सांप मरे हुए थे। जब बाहर निकाले गए तो इन्हें देखकर लोग हैरान रह गए।

खुद मछली मारने वाले लोगों ने भी एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मरे हुए सांपों को एक जगह नहीं देखा था। इन सांपों को देखकर थोड़ी देर के लिए मछली मारने वाले भी सन्न रह गए।

किस केमिकल का किया गया इस्तेमाल, पता नहीः जैसे ही इस बात की सूचना गांव वालों को मिली, इन सांपों को देखने के लिए लोग आहर के पास पहुंच गए। अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि आहर में मछली मारने के लिए किस केमिकल का इस्तेमाल किया गया था।

हर कोई इस बात से भी डरा हुआ है कि आहर की मछलियां खाने से लोग कहीं बीमार नहीं हो जाएं। कई ग्रामीणों ने आहर में केमिकल डालकर मछली मारने की घटना को सेहत के साथ खिलवाड़ बताया है।

ग्रामीणों के अनुसार इस आहर की मछलियों को तुरंत जब्त कर लिया जाना चाहिए। इन्हें किसी सूरत में बाजार तक नहीं पहुंचने देना चाहिए, क्योंकि सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं।

हत्यारों का पता लगाने में जुटे वन विभाग के अफसरः उधर, ग्रामीणों ने इसकी सूचना उत्तरी वन प्रमंडल पदाधिकारी को दी। उत्तरी वन प्रमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर रेंजर सूर्यभूषण यादव ने जांच के लिए वन पाल अजय कुमार को मौके पर भेजा।

 एक साथ इतनी संख्या में सांपों की मौत जांच का विषय है। जब तक जांच नहीं होती है, तब तक कुछ नहीं कहा जाएगा।

उन्होंने कहा कि संभव है, मछली मारने के लिए आहर के पानी को विषाक्त किया गया हो, लेकिन इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। वन विभाग ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने तक प्रतीक्षा करनी होगी।

उन्होंने कहा कि मछली मारने वाले ग्रामीणों की तलाश की जा रही है। उसके विरुद्ध एक प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। दोषी लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। क्योंकि सांपों को मारना, किसी तरह से उन्हें नुकसान पहुंचाना कानून अपराध है।

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