Home देश पिंड दानियों के स्वागत को तैयार है ‘मोक्ष नगरी गया ‘

पिंड दानियों के स्वागत को तैयार है ‘मोक्ष नगरी गया ‘

पटना /गया (जयप्रकाश)। बिहार के विश्व प्रसिद्ध गया में पितृ पक्ष मेला की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है । 72 घंटे बाद विधिवत् मेले की शुरुआत हो जाएगी । अपने पूर्वजों को पिंड अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं का  गया पहुँचने का सिलसिला शुरू हो चुका है । मेले को अभूतपूर्व बनाने के लिए जिला प्रशासन भी कमर कसे हुए है। मेले की तैयारी जोर- शोर से चल रही है । सभी मंदिरों तथा पिंड स्थलों की साफ सफाई को लेकर नगर निगम और स्वयं सेवी संस्थाएँ भी लगी हुई है।

गया का विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला का उद्घाटन बुधवार को किया जाएगा । पिंडदानियों के स्वागत के लिए मंदिरों, धर्मशाला तथा अतिथि शालाओं को दुल्हन की तरह सजाया गया है ।

मेले की तैयारी को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त जितेन्द्र श्रीवास्तव, डीएम रवि कुमार, मेयर और उपमेयर तथा नगर आयुक्त समेत कई विभाग के पदाधिकारी दिन रात एक किए हुए हैं ।

मेले में साफ सफाई को लेकर बोधगया से मजदूरों को लगाया गया है । मौके पर डीएम ने पदाधिकारीओ को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं । बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ भी उनकी मैराथन बैठक हो चुकी है ।

स्वास्थ्य विभाग की टीम में मेले में चिकित्सा सुविधाओं के लिए मुश्तैद दिख रही है । मेले के मद्देनजर 18 स्वास्थ्य शिविर, 48 मेडिकल पदाधिकारी, 117 पारा मेडिकल टीम तैनात किया जाएगा । मेले में प्राथमिक इलाज के साथ 39 जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था रहेगी।

 pind danडीएम रवि कुमार ने पिंडदानियों की समस्याओं के हल के लिए विष्णु पद मंदिर में संवाद सदन समिति का उद्घाटन किया । उन्होंने पिंडदापियों के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किया है । पिंडदानी अपनी कोई भी समस्या 9304401000 पर दर्ज करा सकते हैं । उनकी समस्या संबंधित पदाधिकारियों को दी जाएगी तथा समस्या का शीघ्र निष्पादन किया जाएगा ।

पितृ पक्ष मेला को लेकर विष्णु पद मंदिर, मंगला गौरी,सूर्य कुंड,प्रेत शीला,ब्रहमयोनि अक्षय वट तथा फल्गू नदी तट को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है । मंदिरों में रंग रोगन अंतिम चरण में है।

पिंडदानियों के स्वागत में  विष्णु पद प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष कन्हैयालाल मिश्र, सचिव गजाधर लाल पाठक जुटे हुए हैं ।उन्होंने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंदिर परिसर में 14 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ।

ऐसा माना जाता है कि गया में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है।भगवान राम ने भी फल्गु तट पर राजा दशरथ का पिंडदान किया था । तबसे माना जाता है कि इस स्थान पर कोई भी व्यक्ति अपने पूर्वजों का निमित्त पिंडदान करेगा उससे उसके पितृ प्रसन्न रहते हैं उनकी कृपा मिलती है ।

गया का श्राद्ध का विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए गया को “मोक्ष नगरी” भी कहा जाता है ।यहाँ 45 जगहों पर पिंडदान किया जाता है ।इसका उल्लेख शास्त्रों में भी किया गया है ।

‘श्रद्धया इदं श्राद्धय’ अर्थात जो श्रद्धा से किया जाए वह श्राद्ध है।पितृ पक्ष में तीन पीढ़ियों तक के पिता पक्ष तथा तीन पीढ़ियों तक के माता पक्ष के पूर्वजों के लिए तर्पण किया जाता है । इन्हीं को पितर कहते हैं । भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या तक के 16 दिनों को पितृपक्ष कहते हैं ।

error: Content is protected !!
Exit mobile version