रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Jharkhand Politics Power) इन दिनों अपने आवास के गेट पर खड़ा एक सूखा पेड़ तक नहीं कटवा पा रहे हैं। उनकी इस शिकायत पर संबंधित प्रशासन अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
जबकि, यह पेड़ सूखकर इस कदर जर्जर हो चुका है कि वह कभी भी गिर सकता है और जानमाल की हानि हो सकती है। सबसे बड़ी बात कि आवास के गेट पर सूखे पेड़ का होना अशुभ माना गया है।
कई पोंगा-पंडित भी बाबूलाल मरांडी इसके नुकसान का अहसास करा चुके हैं। इसीलिए वे उसे हर हाल में इस सूखे पेड़ को हटवाना चाहते हैं। लेकिन उनकी कोई सुन ही नहीं रहा है। अब वे करें तो क्या करें, खुद कटवा भी नहीं सकते। सरकारी क्षेत्र का पेड़ जो ठहरा।
श्री बाबूलाल मरांडी झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने भाजपा से नाता तोड़कर झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) नामक पार्टी बनाई और उसी पार्टी के बनर तले संघर्ष किया।
प्रदेश में झाविमो ने चुनावों में कभी भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। थक-हार कर वे फिर भाजपा में वापस आ गए। फिलहाल वे प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष है। लेकिन उनके कार्यकाल में भाजपा को फायदा कम, नुकसान अधिक उठाने पड़ रहे हैं।
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