रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड कांग्रेस ने बीते रविवार शाम काफी मसक्कत करने के बाद जिलाध्यक्षों की सूची जारी की थी, लेकिन महज 48 घंटे में ही बढ़ती फजीहत के बीच पार्टी आलाकमान को चार जिलाध्यक्षों को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा।
खबरों के अनुसार पार्टी आलाकमान ने कोडरमा, गढ़वा, साहेबगंज और रामगढ़ के नवनियुक्त जिलाध्यक्षों की छुट्टी करने का निर्णय लिया है। इनमें तीन जिले रामगढ़, साहेबगंज और गढ़वा में एक ही जाति ब्राह्मण से जिलाध्यक्ष बनाया गया था। जबकि अल्पसंख्यक, महिला और दलित समुदाय से किसी को जगह नहीं दी गयी थी।
इसके बाद से ही पार्टी में विधायकों, पूर्व सांसदों और वरिष्ठ नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया था। मामला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव तक पहुँच गया था।
प्रदेश प्रभारी के एकतरफा निर्णय से कांग्रेस को उठानी पड़ी फजीहतः जिलाध्यक्षों की सूची में 48 घंटे के भीतर फेरबदल करने के पीछे मुख्य वजह प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय का एकतरफा निर्णय जिम्मेदार माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने राष्ट्रीय महामंत्री के सी वेणुगोपाल से मिलकर जल्द जिलाध्यक्षों की सूची जारी करने का आग्रह किया था। इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव ने प्रदेश प्रभारी को जल्द सूची तैयार करने का निर्देश दिया।
प्रदेश प्रभारी ने बिना प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता को दिखाए सूची तैयार कर आलाकमान को भेज दिया। जो सूची जारी हुई, उसमें जिस जाति से प्रदेश प्रभारी आते हैं, उस जाति के जिलाध्यक्षों की संख्या सबसे ज्यादा थी। इसी का विरोध शुरू हो गया।
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