सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बेहद ही नाटकीय घटनाक्रम के बीच सरायेकेला नगर उपाध्यक्ष मनोज चौधरी 24 घंटे के भीतर जेल से बाहर निकल गए। वैसे जेल से निकलेने के बाद भी नगर उपाध्यक्ष का हाई वोल्टेज ड्रामा जारी रहा…
जहां जेल से निकलते ही मनोज चौधरी अनिश्चितकालीन अनशन पर चले गए और समर्थकों एवं भाजपा नेताओं के अनुरोध पर लॉकडाउन तक अनशन नहीं करने के अनुरोध के बाद उन्होंने आपना अनशन तोड़ दिया।
वैसे मनोज चौधरी इस दौरान काफी आक्रामक नजर आए। जहां उन्होंने सरायकेला प्रशासन पर तीखे हमले करते हुए सभी अधिकारियों पर मानहानी का ठोंकने की बात कही है।
वैसे नगर उपाध्यक्ष के साथ उनके समर्थक और भाजपा नेता भी जिला प्रशासन की कार्रवाई से नाराज दिखे। वहीं अपने नाटकीय गिरफ्तारी को उन्होंने साजिश और जनप्रतिनिधि का अपमान बताया।
इस संबंध में जिले के निवर्तमान एसपी कार्तिक एस ने बताया कि उनके द्वारा लॉकडाउन के दौरान धारा 144 का उल्लंघन औऱ लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा था, जिसकी शिकायत सरायकेला बीडीओ ने की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
वैसे मामूली चोर-उचच्चों व अपराधियों की सूचना सार्वजनिक किए जाने और एक जनप्रतिनिधि के मामले में इतनी गोपणीयता बरते जाने के सवाल पर एसपी ने काफी नपे-तुले अंदाज में इसका जवाब दिया।
इधर मनोज चौधरी ने जिले के उपायुक्त व अन्य अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। फिलहाल सरायकेला नगर पंचायत में हाई वोल्टेज ड्रामा जारी है। वैसे कल देर रात ही जिले के एसपी का तबादला हजारीबाग हो गया है।
गौरतलब है कि सरायकेला नगर उपाध्यक्ष बनने से पूर्व मनोज चौधरी आरएसएस के नगर कारवां रह चुके हैं। नगर पंचायत का चुनाव इन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर जीता था, जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान इन्होने पाला बदलते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था।
वैसे सरायकेला से वर्तमान मंत्री चंपई सोरेन रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए हैं। ऐसे में पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित भी बताया जा रहा है।