गिरिडीग (कमल नयन / एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। गिरिडीह शहर के बरमसिया मे स्थापित साई सेवा आश्रम मंदिर शताब्दी का अनोखा घार्मिक स्थल माना जाता है। जहाँ मंदिर के मुख्य गर्भगृह में साईबाबा संगमरमर के शिला२वंङ में विराजमान है।
हाल ही में जम्मू के कटरा में मां आदि शक्ति की गुफा के तर्ज पर साई आश्रम में गुफा का निर्माण किया गया है। जो अपने आप में अद्धभुत है।
इस गुफा में धन, संपदा, वैभव, शक्ति, गायत्री के 12 अलग अलग स्वरूपों के दर्शन होंगे।
हिन्दुग्रथ्रों की पौराणिक कथाओं के अनुशार बाबा भैरव नाथ का वध करने के बाद मां वैष्णो देवी ने जिस लीला को रचा और कटरा में गुफा के भीतर नो माह तक तपस्या कर बाबा भैरव नाथ का वध कीया।
ठीक उसी गुफा के तर्ज पर गुफा का निर्माण किया गया है। गुफा का प्रवेश द्वार पर मां दुर्गे के नौ स्वरूपों के अलग अलग तस्वीरों में है।
गुफा के अन्दर 12 देवीयो की प्रतिमा स्थापित की गयी है। जिसमे गंगा ,जमुना, सरस्वती ,कावेरी ,र्नवदा व अन्य देवियो की प्रतिगए है। नदियों के रूप कलकल करती धारा मानसरोवर मे विलिन हो जाती है।
गुफा में नीचे उतरने के लिए आठ सीढ़ियाँ है। जबकि गुफा के भीतर कल कल करती नौ नदियों की धारा बीच सनातन धर्म में पूजनीय मानी जाने वाली मां गंगा, मां ललिता, मां सरस्वती, मां भुनेश्वरी, मां अन्नपूर्णा, मां पार्वती, मां राधिका, मां लक्ष्मी, मां गायत्री की मूर्ति स्थापित किया गया है।
आश्रम के इस नवनिर्मित गुफा को तो वैसे सरस्वती पूजा के साथ दर्शन के लिए खोल दिया गया। लेकिन महामारी को देखते हुए आश्रम के संस्थापक और गुरु सीके रेड्डी और सेवादार बासुदेव पांडेय द्वारा पूरी तरह से दर्शन की अनुमति नहीं दिया गया था।
गौरतलब है कि साल 2011 में दक्षिण भारत के तर्ज पर आंध्र प्रदेश के सीके रेड्डी ने इस आश्रम और मंदिर का निर्माण कराया हौ। जहाँ पंचमुखी हनुमान के साथ पंचमुखी गणेश की भव्य मूर्ति है।
आश्रम के भीतर अलग अलग देवी देवताओं के मंदिर भी हैं। गिरिडीह के इस द्यार्मिक स्थल के दर्शन करने कई दूसरे राज्य के भक्त भी आते है।
आश्रम के संस्थापक सीके रेड्डी और सेवादार बासुदेव पांडेय इस गुफा का निर्माण मानव मात्र को आत्मिक शांति के उदेश्य से किया जाना बताते हैं।