पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के भाग 3 के दो अनुसूचियों में कुछ ऐसे क्रियकलापों की सूची तय कि गयी है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण व भंडारण भी आता है। इन कार्यो में किसी भी स्थिति में बाल श्रम कि अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और उसके लिए कठोर सजा के भी प्रावधान हैं। लेकिन बात जब शासन तंत्र के ही शोषक बन जाने की हो तो वह अंदर तक कचोट जाती है।
सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही शर्मनाक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वायरल वीडियो कब की है, उससे अधिक मायने यह रखता है कि वीडियो में हो क्या रहा है और कौन क्या कर रहा है तथा कौन किससे क्या करवा रहा है।
यह वायरल वीडियो राजधानी पटना जिला के नौबतपुर प्रखंड के एफसीआई गोदाम का बताया जा रहा है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि कुछ बालक जिन्हें रोजी-रोटी से दूर सरकारी सुविधाओं के तहत स्कूल में अपना भविष्य संवारते दिखना चाहिए, वह ट्रक से अनाज का बोरा (पैकेट) उतार रहा है और उसे टैक्टर पर लाद रहा है।
चूकि बाल मजदूर कम पैसे में काम करते हैं। इसलिए उसका बाल श्रम शोषण अधिक करते हैं। ऐसे काम लेने वाले शोषक को बच्चों के शक्ति और कार्य क्षमता से कोई मतलब नहीं होता है। चूकि इस मामले में शाषण तंत्र पूर्णतः पंगु रहता है या कहिए उसमें शामिल होता है, इसलिए उन्हें किसी कानून का भय भी नहीं रहता है।
नौबतपुर प्रखंड के एफसीआई गोदाम की वायरल वीडियो में सबसे अधिक हैरानी की बात यह है कि सब कुछ सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी के नज़र के सामने हो रहा है। एक तरह से ऐसा अपराध वे करवा रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की जरुरत है। अब देखना है कि इस वायरल वीडियो को पटना जिला प्रशासन किस रुप में लेती है। कुछ कर पाती भी है या कि नहीं?
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