रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। रांची के दलादली में बुधवार रात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता 37 वर्षीय सुभाष मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुंह पर मास्क लगाए दो अपराधियों ने रात करीब आठ बजे उनके ऑफिस में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की। उन्हें सात गोलियां लगीं और मौके पर ही मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पैदल ही दो अपराधी उनके ऑफिस में घुसे और गोली मारकर भाग निकले। गोली की आवाज सुनकर सुभाष मुंडा के परिजन और स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे। उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश की। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। सुभाष मुंडा के माता-पिता मुखिया रह चुके हैं।
इस घटना के बाद भीड़ उग्र हो गई। तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी। आसपास की दुकानों और ठेलों को तोड़ दिया। कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही नगड़ी और रातू थाने की पुलिस पहुंची, लेकिन लोगों के आक्रोश को देखते हुए पीछे हट गई।
सिटी एसपी शुभ्रांशु जैन को भी घटनास्थल से भगा दिया। लौटते समय उनकी गाड़ी के शीशे भी तोड़ डाले। देर रात अतिरिक्त पुलिस बल के आने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
इस घटना के विरोध में आदिवासी संगठनों कड़ा विरोध दर्ज किया है। आदिवासी-मूलवासी संगठनों ने पुलिस को 12 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस तत्काल हत्यारों को गिरफ्तार करे। साथ ही गुरुवार को रांची बंद का भी आह्वान किया है।
वहीं स्थानीय आदिवासी संगठनों ने गुरुवार को नगड़ी बंद का भी आह्वान किया है। राजी पड़हा सरना समिति, 21 पड़हा सरना समिति और आदिवासी छात्र संघ ने कहा कि पुलिस तत्काल अपराधियों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाए।
उधर, पुलिस ने भी अपराधियों की घेराबंदी शुरू कर दी है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। देर रात तक लगातार छापेमारी की जा रही थी। हालांकि हत्यारों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
सुभाष मुंडा सीपीआई (एम) से हटिया और मांडर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके थ्ज्ञे। वे मांडर क्षेत्र में लगातार सक्रिय थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक वे जमीन के बड़े कारोबारी थे। बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-बिक्री करते थे।
पुलिस आशंका जता रही है कि कहीं जमीन कारोबार को लेकर तो उनकी हत्या नहीं हुई। वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक उनकी कुछ लोगों से पुरानी रंजिश भी थी।
हालांकि हत्या का स्पष्ट कारण पता नहीं चल पाया है। सिटी एसपी के मुताबिक पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है।
पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सुभाष मुंडा जमीन कारोबारी कमल भूषण के साथ भी काम कर चुके थे। पिछले साथ 30 मई को रातू रोड स्थित गैलेक्सिया मॉल के पास कमल भूषण की भी अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अब सुभाष मुंडा की हत्या के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि जमीन की वजह से ही उनकी भी हत्या की गई होगी। हालांकि कमल भूषण की हत्या के बाद उनके अकाउंटेंट संजय कुमार की भी अपराधियों ने इसी महीने पांच जुलाई को गोली मार कर हत्या कर दी थी।
लोगों ने बताया कि पहले सुभाष मुंडा का ऑफिस बड़े बिल्डिंग में था। कुछ दिन पहले उसे किराए पर दे दिया था और बिल्डिंग के पीछे छोटे से मकान में अपना ऑफिस शिफ्ट कर लिया था। घटना के वक्त ऑफिस में अकेले थे। ऑफिस जाने के लिए एक गली है, जिसमें अंधेरा रहता है। इसलिए कौन आ-जा रहा है, इसका पता नहीं चलता था।