पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। Executioner Raj in Bihar: विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी अपने गांव वाले घर में ही रहते थे। घर में नौकर थे, लेकिन वे अपने समय से आते थे और चले जाते थे। 70 वर्षीय जीतन सहनी की हत्या बेहद क्रूरता से की गई है। हत्यारे ने धारदार हथियार से उनका पेट फाड़ डाला है। जीतन सहनी का खून से लथपथ शव उनके घर के अंदर मिला है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई है।
घटना की जांच के लिए एसएसपी गुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने एसआईटी का गठन किया है। एसपी ग्रामीण काम्या मिश्रा के नेतृत्व में गठित एसआईटी में बिरौल एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी और बिरौल एसएचओ को शामिल किया गया है। इतनी निर्ममता से जीतन सहनी की हत्या क्यों और किसने की यह पता लगाना बिहार पुलिस की इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती है।
जाएगी। बिहार की राजनीति में ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश सहनी का पैतृक घर दरभंगा जिले के सुपौल बाजार के अफजला पंचायत क्षेत्र में है। पुलिस का कहना है कि मुकेश सहनी के पिता की सोमवार की रात में हत्या की गई है। उनके शरीर पर कई वार किए गए हैं। उनका शव जिस क्षत-विक्षत हालत में मिला है।
बताया जा रहा है कि जीतन सहनी घर में अकेले रहते थे। उनकी पत्नी का 10 साल पहले निधन हो चुका है। जिस वक्त पिता की हत्या की सूचना मिली मुकेश सहनी मुंबई में थे। वह बिहार के लिए रवाना हो चुके हैं। दोपहर या शाम तक उनके यहां पहुंचने की संभावना है। जीतन सहनी की हत्या किन कारणों से हुई है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस चोरों द्वारा इस सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम दिए जाने की आशंका जता रही है।
घर का सामान बिखरा मिला है इस आधार पर यह बात कही जा रही है। लेकिन लोगों का कहना है कि जिस निर्ममता से हत्या की गई है, उसे देखते हुए यह कहना जल्दबाजी होगी कि चोरी के मकसद से हत्या को अंजाम दिया गया है। इसके पीछे कोई गहरी साजिश और बड़ी वजह हो सकती है।
बताया जा रहा है कि गांव में मुकेश सहनी का एक और पुराना घर है। जिस घर में उनके पिता की हत्या हुई है, वह निर्माणाधीन था। घर के अंदर बहुत अधिक चीजें नहीं थीं।
ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या ऐसे घर में वाकई चोरी के लिए इतने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया है? जीतन सहनी से परिचित लोगों का कहना है कि उनका राजनीति या किसी व्यवसाय से कोई लेना-देना नहीं था। वह गांव पर ही रहते थे और सीधा-सरल जीवन जीते थे। उनकी निर्मम हत्या किसने और क्यों की यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है।
इस घटना के बाद बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। घटना की सूचना पर पुलिस के तमाम बड़े अधिकारियों के अलावा एसएफएल टीम भी मौके पर पहुंच रही है।
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