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हिलसा राष्ट्रीय लोक अदालत में 50 लाख की वसूली के साथ 351 मामलों का निष्पादन

” एक करोड़ तीस लाख के एवज में कर्जदारों ने द्वारा जमा किए पचास लाख रुपये, निष्पादित होने वालो मामलों में क्रीमिनल के 17 और बिजली विभाग के 10 मामले”

हिलसा (चन्द्कांत)। नालंदा जिले के हिलसा कोर्ट परिसर में शनिवार को सम्पन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन सौ इक्कावन मामलों का निष्पादन हुआ। समझौते के आधार बैंको में कर्जदारों द्वारा पचास लाख रुपये तत्काल जमा भी कराया गया। अनमुंडलीय विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों की सुनवाई न्यायिक पदाधिकारियों की अगुआई में गठित तीन न्यायपीठों में हुई।

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लोक अदालत में उमड़ी फरियादियों की भीड़…….

लोक अदालत में सर्वाधिक बैंक से जुड़े तीन सौ चौबीस मामलों का निष्पादन हुआ। एक करोड़ तीस लाख रुपये के हुए समझौते के विरुद्ध करीब पचास लाख रुपये तत्काल कर्जदारों द्वारा बैंको में जमा करवा दिया गया।

इसी प्रकार क्रीमिनल (कम्पांडेवल) के सतरह मामले तथा बिजली विभाग से जुड़े दस मामलों का निष्पादन आपसी सुलह के आधार पर किया गया। अपर जिला जज शैलेन्द्र कुमार पांडेय की अध्यक्षता में सम्पपन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में तृतीय अपर जिला जज सुभाष चन्द एसीजेएम, द्वितीय इंद्रजीत सिंह एवं एसीजेएम तृतीय अजय कुमार मल्ल न्यायपीठ में बतौर न्यायिक पदाधिकारी शरीक हुए।

इस मौके पर अनुमंडलीय विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव देवेश कुमार अदालती प्रक्रिया पर पैनी नजर बनाए रखे। इस कार्य में प्राधिकार से जुड़े कर्मी आशीष रंजन, चन्दर कुमार, मुकेश कुमार श्रीवास्तव, चंदन कुमार, नेमेतुल्लाह, विजय शंकर, सुरेन्द्र कुमार, बृजलाल पासवान तथा ओम प्रकाश का सराहनीय सहयोग रहा।

…… और डिप्टी सेक्रेट्री भी हुईं टेंशन फ्री

भारत में कानून सबके लिए बराबर होता है। कानून की नजर में न तो कोई ऊंचा और न ही नींचा होता है। न तो इसमें धर्म की दीवार होती और न ही राजनीत का रसुख। भारत के कानून में गरीबी और अमीरी का भी भेदभाव नहीं है।

इसका एहसास लोगों को शनिवार को तब हुआ जब राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंची एक महिला पदाधिकारी को आम मुव्वकिलों की तरह पेश होना पड़ा। कभी एकंगरसराय में बतौर बीडीओ सह सीओ के पद पर काबिज रहीं ऋचा कमल अभी सहकारिता विभाग में बतौर डिप्टी सेके्रट्री कार्यरत हैं।

एंकगरसराय में कार्यरत रहने के दौरान ऋचा कमल पर विद्यालय शिक्षा समिति के गठन को लेकर हुए विवाद में कोर्ट में केश कर दिया गया था। इसी मामले में ऋचा कमल आपसी सुलह के आधार पर राष्ट्रीय लोक अदालत में मामले को निष्पादित कराने पहुंची थी।

कागजी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद सुलह के आधार पर ऋचा कमल से जुड़े मामले को एसीजेएम तृतीय अजय कुमार मल्ल की अगुआई में गठित न्यायपीठ द्वारा मामले को निष्पादित कर दिया। काफी भाग दौड़ कर रही डिप्टी सेक्रेट्री ऋचा कमल मामले के निष्पादित होने पर काफी खुश दिखीं।

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