एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। बिहार में देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान झारखंड के कुछ मजदूरों के साथ एक अफसर ने खुली गुंडई की। उसकी अमानवीय हरकत की वीडियो तब से ही वायरल हो रही है। लेकिन सुशासन का दंभ भरने वाली जदयू-भाजपा की नीतीश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि यह औरंगाबाद जिला अवस्थित एक कोरोना रिलीफ कैंप की है। जहां सत्ता संरक्षित सुशासन का जिला परिवहन पदाधिकारी अनील कुमार सिन्हा, आदिवासी मजदूरों को न सिर्फ भद्दी-भद्दी गालियां दे रहा है, बल्कि उसे बेरहमी से पीट भी रहा है। साथ में वहां मौजूद पुलिस जवान भी लाठियां बरसाए जा रहा है।
ऐसी बात नहीं है कि इस वायरल वीडियो को मीडिया ने सुर्खियां नहीं बनाई हो। कई राष्ट्रीय स्तर के न्यूज चैनलों, अखबारों, न्यूज वेबसाइटों ने प्रमुखता से प्रसारित की है। लेकिन जैसा कि बिहार में विदित है कि अंतिम फजीहत होने तक नुमाइंदे तो दूर, खुद मुखिया नीतीश कुमार की अतरात्मा नहीं जागती।
सबाल उठता है कि औरंगाबाद डीटीओ अनील कुमार सिन्हा सरीखे कुसंस्कारित अफसरों की खुली गुंडई को नजरंदाज कर क्या संदेश देना चाहती है। रोटी के बदले गाली, तमाचा, लाठी किस तरह हर एक बिहारी को ही शर्मसार कर रही है।